मई महीने की शुरुआत के साथ ही कई ऐसे बदलाव होने वाले हैं, जिनका सीधा असर आम आदमी की जेब और जिंदगी पर पड़ेगा। इनमें एलपीजी सिलेंडर की कीमत से लेकर बैंकिंग सेवाओं में बदलाव, एटीएम चार्ज में वृद्धि और फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरों से जुड़े बड़े फैसले शामिल हैं। आइए जानते हैं कि 1 मई 2025 से किन-किन बदलावों के लिए तैयार रहना चाहिए और इनका प्रभाव किस तरह पड़ेगा।
1. एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में संशोधन
हर महीने की तरह इस बार भी तेल कंपनियां एलपीजी सिलेंडर की कीमतों की समीक्षा करेंगी।
अप्रैल में घरेलू गैस सिलेंडर के दाम में 50 रुपये की बढ़ोतरी हुई थी। मई में भी कीमतों में इजाफा या कमी देखी जा सकती है।
यदि कीमतों में फिर से बढ़ोतरी होती है तो आम आदमी की रसोई का बजट बिगड़ सकता है। वहीं, कमर्शियल सिलेंडर के रेट भी बदले जाएंगे, जिससे होटल और रेस्टोरेंट सेक्टर पर भी असर पड़ेगा।
2. भारतीय रेलवे में टिकट बुकिंग नियमों में बदलाव
भारतीय रेलवे ने वेटिंग टिकट पर यात्रा से जुड़े नियमों में बदलाव किया है।
अब मई से, यदि आपके पास स्लीपर या एसी कोच में वेटिंग टिकट है, तो आपको यात्रा की अनुमति नहीं मिलेगी।
इसका मतलब यह है कि बिना कंफर्म टिकट के स्लीपर या एसी डिब्बे में यात्रा करना संभव नहीं होगा। इससे यात्रियों को पहले से टिकट बुक कराने की जरूरत बढ़ जाएगी।
3. एटीएम से कैश निकालने पर चार्ज में बढ़ोतरी
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने एटीएम निकासी पर शुल्क बढ़ाने का फैसला लिया है।
मेट्रो शहरों में तीन मुफ्त निकासी के बाद, अभी तक 21 रुपये प्रति अतिरिक्त निकासी शुल्क लिया जा रहा था।
अब इसे बढ़ाकर 23 रुपये प्रति निकासी कर दिया गया है।
इसका मतलब है कि यदि आप महीने में तीन बार से ज्यादा एटीएम से पैसे निकालते हैं, तो आपको हर अतिरिक्त ट्रांजैक्शन पर 23 रुपये चुकाने होंगे।
4. एफडी और सेविंग अकाउंट से जुड़े बदलाव
रेपो रेट में आरबीआई ने पिछले कुछ महीनों में दो बार कटौती की है।
इसका असर बैंक लोन, एफडी रिटर्न और सेविंग अकाउंट ब्याज दरों पर देखने को मिल रहा है।
मई से कई बैंक अपनी एफडी पर ब्याज दरों में बदलाव कर सकते हैं।
इसी तरह, अगर रेपो रेट का असर जारी रहता है तो सेविंग अकाउंट पर मिलने वाला ब्याज भी घट सकता है। इससे निवेशकों और आम खाताधारकों की आमदनी पर असर पड़ सकता है।
5. ग्रामीण बैंकों का विलय
आरबीआई द्वारा देशभर के अलग-अलग ग्रामीण बैंकों को मिलाकर बड़े बैंक बनाने की योजना पर काम चल रहा है।
मई से 11 राज्यों के लोकल ग्रामीण बैंकों को एकजुट कर एक बड़ा बैंक बनाने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।
इससे ग्राहकों को एक ही बैंक के अंतर्गत ज्यादा सुविधाएं मिलेंगी, लेकिन शुरुआती दौर में खातों के ट्रांसफर, कस्टमर केयर, और नई ब्रांच आईडी जैसी प्रक्रियाओं में अस्थायी परेशानियां आ सकती हैं।
आम आदमी पर सीधा असर
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गैस सिलेंडर महंगा होने से घरेलू बजट बिगड़ सकता है।
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एटीएम निकासी शुल्क बढ़ने से हर महीने अतिरिक्त खर्च बढ़ सकता है।
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एफडी ब्याज घटने से बुजुर्गों और निवेशकों की आमदनी प्रभावित हो सकती है।
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रेलवे टिकट नियम बदलने से बिना कंफर्म टिकट यात्रा करना मुश्किल होगा।
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ग्रामीण बैंक विलय से ग्राहकों को लंबी प्रक्रिया का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन भविष्य में बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
निष्कर्ष
मई महीने की शुरुआत आम लोगों के लिए कई बदलावों के साथ हो रही है। जरूरी है कि आप पहले से ही इन परिवर्तनों के बारे में जानकारी रखें और अपने बजट और बैंकिंग से जुड़े निर्णय सोच-समझकर लें।
खासतौर पर जिनका रोजमर्रा का खर्च एलपीजी, बैंकिंग सेवाओं और रेलवे यात्रा से जुड़ा है, उन्हें अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत होगी।