हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार के कथित आत्महत्या मामले में चार दिन बाद भी गतिरोध बना हुआ है। अधिकारी के परिवार ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, तब तक मृतक का न तो पोस्टमार्टम कराया जाएगा और न ही अंतिम संस्कार किया जाएगा। यह मामला अब तूल पकड़ चुका है क्योंकि चंडीगढ़ पुलिस ने गुरुवार देर रात हरियाणा के डीजीपी समेत 12 आला कमान अधिकारियों और पूर्व नौकरशाहों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आईपीएस वाई पूरन कुमार की पत्नी की शिकायत पर चंडीगढ़ पुलिस ने कई वर्तमान और पूर्व उच्चाधिकारियों को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में नामजद किया है।
FIR में DGP समेत 12 अधिकारियों के नाम
चंडीगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में हरियाणा पुलिस के कई शीर्ष अधिकारियों को नामजद किया गया है। इन अधिकारियों में हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर, एडीजीपी संदीप खिरवार, एडीजीपी अमिताभ ढिल्लों, एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर संजय कुमार, एडीजीपी माटा रवि किरण, पंचकूला पुलिस आयुक्त सिवास कविराज, अंबाला रेंज के आईजी पंकज नैन और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजरानिया आईपीएस कल रामचंद्रन शामिल हैं।
इसके अलावा, एफआईआर में कुछ पूर्व नौकरशाहों को भी नामजद किया गया है, जिनमें पूर्व डीजीपी मनोज यादव, पूर्व डीजीपी पीके अग्रवाल, पूर्व मुख्य सचिव टीवीएस एन प्रसाद और पूर्व एसीएस राजीव अरोड़ा शामिल हैं। यह मामला हरियाणा पुलिस और प्रशासन के शीर्ष पर एक बड़ा संकट पैदा कर रहा है।
परिवार की चार मुख्य मांगें
पूरन कुमार का परिवार अपनी मांगों को लेकर अडिग है और उनका कहना है कि जब तक सभी नामजद दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक वह अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। परिवार की मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:
सभी नामजद अधिकारियों की तत्काल गिरफ्तारी हो और उन्हें निलंबित किया जाए।
आईपीएस अधिकारी की पत्नी और दो बेटियों को स्थायी सुरक्षा मुहैया कराई जाए।
जांच निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से की जाए।
परिवार की गरिमा और अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जाए।
इस बीच, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मामले पर संवेदना व्यक्त की है और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है।
प्रियंका गांधी ने उठाया जातीय प्रताड़ना का मुद्दा
इस संवेदनशील मामले में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भी ट्वीट किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या जातीय प्रताड़ना से परेशान होकर की गई है। प्रियंका गांधी ने कहा कि, "देश भर में दलितों के खिलाफ जिस तरह अन्याय, अत्याचार और हिंसा का सिलसिला चल रहा है, वह भयावह है... यह साबित करता है कि भाजपा राज दलितों के लिए अभिशाप बन गया है।" उन्होंने आगे कहा कि जब ऊंचे ओहदे पर बैठे दलितों का यह हाल है, तो आम दलित समाज किन परिस्थितियों में जी रहा होगा। परिवार के न्याय की मांग पर अड़े रहने के कारण, यह मामला अब कानूनी कार्रवाई और राजनीतिक दोनों ही स्तरों पर गर्मा गया है।