मुंबई, 05 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। केरल के नेता प्रतिपक्ष वी. डी. सथीसन ने असम सरकार के बीफ बैन करने के फैसले को ‘संघ परिवार’ का एजेंडा बताया। उन्होंने कहा, ये लोगों के बीच फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं। सथीसन का यह बयान असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के बुधवार को किए गए ऐलान के बाद आया, जिसमें उन्होंने कहा था कि सरकार ने राज्य भर में किसी भी होटल, रेस्टोरेंट और सार्वजनिक स्थानों पर गोमांस परोसने और खाने पर बैन लगाने का फैसला किया है। सथीसन ने कहा, देश भर में संघ परिवार की सरकारें लोगों के बीच समस्याएं पैदा करने की कोशिश कर रही हैं। असम में चुनाव आ रहे हैं, इसलिए यह संघ परिवार का एजेंडा है और वे लोगों के बीच फूट डालना चाहते हैं।
वहीं, भाजपा के केरल उपाध्यक्ष मेजर रवि ने कहा कि असम सरकार को गाय और बीफ के बीच अंतर समझना चाहिए। उन्होंने कहा, गोमांस पर अचानक बैन से लोगों को गलत संदेश जाएगा। बीफ गाय का मांस नहीं होता। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को ऐसा नहीं कहना चाहिए था। अगर कोई खाना चाहता है, तो उसे खाने की आजादी होनी चाहिए। गाय की हम पूजा करते हैं। मैंने कहीं नहीं देखा कि गायों की हत्या की जा रही हो। बीफ भैंस और बैल दोनों का होता है। इसलिए सबसे पहले फर्क समझें और फिर प्रतिबंध लगाएं। हमें लोगों को गलत संदेश नहीं देना चाहिए और सांप्रदायिक मुद्दे नहीं बनाने चाहिए।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को प्रतिबंध की घोषणा करते हुए कहा कि 2021 में असम मवेशी संरक्षण अधिनियम कानून पारित किया गया था और यह काफी सफल रहा है। इसलिए अब असम में हमने गोमांस पर पूरी तरह से बैन करने का फैसला किया है। इस फैसले को लेकर असम के जल संसाधन मंत्री पीयूष हजारिका ने कहा- कांग्रेस इस फैसले का स्वागत करे या पाकिस्तान जाए। दरअसल, सामगुरी सीट पर उपचुनाव के लिए 13 नवंबर को मतदान हुआ था। 23 नवंबर को रिजल्ट आने के बाद कांग्रेस की हार पर सांसद रकीबुल हुसैन ने भाजपा पर बीफ बांटने का आरोप लगाया था। इसके जवाब में सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने शनिवार को बीजेपी की बैठक के बाद मीडिया से कहा- वे राज्य में गोमांस पर प्रतिबंध लगाने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कांग्रेस इसे लिखित में दें।
सरमा ने कहा था, मैं जानना चाहता हूं कि क्या कांग्रेस मतदाताओं को गोमांस देकर सामगुरी जीत रही थी। वह सामगुरी को अच्छी तरह से जानते हैं। क्या इसका मतलब यह है कि गोमांस देकर सामगुरी जीती जा सकती है। इस साल धुबरी लोकसभा सीट से 10.12 लाख से अधिक मतों के रिकॉर्ड अंतर से जीतकर हुसैन सांसद बने है। इससे पहले वे लगातार पांच बार सामगुरी से विधायक रहे थे। सरमा ने कहा, मैं रकीबुल हुसैन से कहना चाहता हूं कि गोमांस पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए क्योंकि उन्होंने खुद कहा है कि ये गलत है। उन्हें मुझे केवल लिखित में देने की जरूरत है। भाजपा और कांग्रेस को गोमांस के बारे में नहीं बोलना चाहिए। BJP, AGP, CPM कोई भी ऑफर नहीं कर पाएगा और हिंदू, मुस्लिम और ईसाई सभी को गोमांस खाना बंद कर देना चाहिए। असम में गोमांस का सेवन गैरकानूनी नहीं है, लेकिन असम मवेशी संरक्षण अधिनियम 2021 उन क्षेत्रों में मवेशी वध और गोमांस की बिक्री पर प्रतिबंध लगाता है जहां हिंदू, जैन और सिख बहुसंख्यक हैं और किसी मंदिर या सत्र (वैष्णव मठ) के पांच किलोमीटर के दायरे में हैं।