मुंबई, 12 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। महाराष्ट्र के नागपुर में महिला ने ससुराल पक्ष की 300 करोड़ रुपए की संपत्ति हथियाने के लिए अपने ससुर की हत्या करा दी। उसने इसके लिए 1 करोड़ रुपए की सुपारी दी थी। पुलिस ने हत्या की मास्टरमाइंड महिला, उसके भाई और उसके पीए को गिरफ्तार किया है। हत्या करने वाले तीन लोग अभी फरार हैं। जिनकी तलाश की जा रही है। दरअसल, बीती 22 मई को नागपुर के अजनी इलाके में हिट एंड रन मामला हुआ था। तेज रफ्तार कार ने पुरुषोत्तम पुत्तेवार (72) को टक्कर मार दी थी। हादसे में उनकी मौत हो गई थी। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की थी। इसमें सामने आया था कि पुरुषोत्तम की हत्या उस वक्त की गई थी, जब वे अपनी पत्नी से मिलकर वापस आ रहे थे। उनकी पत्नी शकुंतला का ऑपरेशन हुआ था, जिसके चलते वो अस्पताल में हैं। पुरुषोत्तम का बेटा मनीष डॉक्टर है। पूछताछ के दौरान पुरुषोत्तम की बहू मनीष की पत्नी अर्चना पुत्तेवार की भूमिका संदिग्ध नजर आई थी।
पुलिस ने जब अर्चना की जांच शुरू की। इसमें सामने आया कि अर्चना नागपुर में नगर नियोजन विभाग में सहायक निदेशक के पद पर कार्यरत है, वह गढ़चिरौली में भी पदस्थ रह चुकी है। उसने ही ससुर पुरुषोत्तम की हत्या की साजिश रची थी। इसमें अपने ड्राइवर सार्थक बागड़े, भाई प्रशांत और पीए पायल को शामिल किया। पहले अपने भाई और पीए के साथ मिलकर पुरुषोत्तम की हत्या का प्लान बनाया। इसमें ड्राइवर सार्थक को शामिल किया और हत्या के लिए 1 करोड़ रुपए का लालच दिया। सार्थक ने प्लान में अपने दो और साथी नीरज निमजे और सचिन धार्मिक को जोड़ा। प्लान के मुताबिक, अर्चना के दिए पैसों से पुरानी कार खरीदी गई। नीरज निमजे और सचिन धार्मिक ने 22 मई पुरुषोत्तम पुत्तेवार को कार से टक्कर मारकर हत्या कर दी। इन्हें लगा था कि मामला मामूली एक्सीडेंट का होगा। लेकिन पुलिस ने केस की गहराई से जांच की और सच्चाई का पता लगाया। पुलिस ने अर्चना को गिरफ्तार किया। इसके बाद उसके भाई प्रशांत और पीए पायल को भी गिरफ्तार किया। पुलिस की पूछताछ में अर्चना ने ससुर की हत्या कराने की बात कबूली है। उसने पुलिस को बताया कि हत्या के लिए ड्राइवर और उसके साथियों को 1 करोड़ रुपए और बार का लाइसेंस दिलाने का लालच दिया था।
वहीं, पुलिस ने बताया कि हत्या में यूज की गई कार, कुछ गोल्ड और मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं। मामले में आईपीसी और मोहर व्हीकल एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। ड्राइवर बागरे और उसके दोनों साथी अभी फरार हैं। उनकी तलाश की जा रही है। पुलिस ने बताया कि जांच में यह भी सामने आया है कि अर्चना के खिलाफ नगर नियोजन विभाग में भी कई बार शिकायतें सामने आ चुकी हैं। उस पर नियमों का उल्लंघन करने और अवैध लेआउट को मंजूरी देने का आरोप है। लेकिन पॉलिटिक्स में अच्छी पकड़ होने के चलते उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस ने कहा कि हत्या के इस मामले में आगे की जांच की जा रही है। और भी लोगों के इस केस में शामिल होने की आशंका है। सबूत जुटाए जा रहे हैं।