मुंबई, 02 अक्टूबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कोलकाता के आरजी कर कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस को लेकर जूनियर डॉक्टर ने फिर से मार्च निकाला। ये विरोध मार्च कोलकाता में कॉलेज स्क्वायर से धर्मतला तक निकाला गया। जूनियर डॉक्टरों ने राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए काम बंद कर दिया है। डॉक्टरों की मांग है कि उन्हें पूरी तरह सुरक्षा दी जाए। इससे पहले जूनियर डॉक्टर 10 अगस्त से लेकर 42 दिन तक विरोध प्रदर्शन करते रहे। 21 सितंबर को सरकारी अस्पतालों में ड्यूटी पर वापस आए थे। सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर को सुनवाई के दौरान अस्पतालों की सुरक्षा में कोताही पर ममता सरकार की खिंचाई की थी। साथ ही आदेश दिया कि सभी अस्पतालों में 15 दिन में CCTV लगाए जाएं। 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जूनियर डॉक्टर से रेप मर्डर के विरोध में ट्रेनी डॉक्टर्स हड़ताल कर रहे थे।
वहीं, विरोध प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर में से एक अनिकेत महतो ने हड़ताल का ऐलान करते हुए कहा, हमारी सुरक्षा की मांगों को पूरा करने के लिए ममता सरकार का रवैया पॉजिटिव नहीं लग रहा है। आज 52वां दिन है। हम पर अभी भी हमले हो रहे हैं। CM ममता के वादों को पूरा करने का कोई प्रयास होता नहीं दिख रहा है। हमारे पास आज से पूरी तरह काम बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। जब तक हम राज्य सरकार की तरफ से कार्रवाई नहीं देखते, तब तक काम बंद रहेगा। दरअसल, कोलकाता के सागोर दत्ता हॉस्पिटल में 27 सितंबर को एक मरीज की मौत के बाद 3 डॉक्टरों और 3 नर्सों से पिटाई का मामला सामने आया था। इसी घटना से जूनियर डॉक्टर्स नाराज हैं। डॉक्टर्स ने अस्पताल में प्रदर्शन भी किया। इस मामले में 4 प्रदर्शनकारी डॉक्टरों को हिरासत में लिया गया है। डॉक्टर्स की मांग है कि उन्हें अस्पतालों में सुरक्षा मुहैया कराई जाई, ताकि वे बिना डर के ड्यूटी कर सकें। साथ ही, सुप्रीम कोर्ट में 30 सितंबर की सुनवाई में बंगाल सरकार ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर्स इन पेशेंट डिपार्टमेंट और आउट पेशेंट डिपार्टमेंट में काम नहीं कर रहे हैं। इसके जवाब में डॉक्टर्स के वकील ने कहा कि सभी इमरजेंसी और जरूरी सेवाओं में डॉक्टर काम कर रहे हैं। मामले की अगली सुनवाई 14 अक्टूबर को होगी। इस दिन सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को नेशनल टास्क फोर्स की जांच पर रिपोर्ट पेश करनी होगी।