मुंबई, 28 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए जमीन अब तक नहीं देने पर विवाद बढ़ता जा रहा है। राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि सिख समुदाय के पहले प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर करवाकर केंद्र सरकार ने उनका सरासर अपमान किया है। उधर, केजरीवाल ने कहा, ये खबर सुनकर मैं स्तब्ध हूं। मनमोहन के अंतिम संस्कार और स्मारक के लिए बीजेपी सरकार 1000 गज जमीन भी न दे सकी। अब तक के सभी प्रधानमंत्रियों का अंतिम संस्कार राजघाट पर किया जाता था। दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार की शाम को पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था। कहा था कि डॉ. सिंह का अंतिम संस्कार जहां हो वहीं स्मारक बनाया जाए। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक डॉ. सिंह की पत्नी गुरशरण कौर भी यही चाहती थीं। इस पर गृह मंत्रालय ने कहा, अंतिम संस्कार के लिए निगमबोध घाट चुना गया है। स्मारक दिल्ली में बनेगा। इसके लिए उचित जगह तलाशी जाएगी और ट्रस्ट बनेगा। प्रक्रिया में समय लगेगा।
कांग्रेस ने कहा, गृह मंत्रालय के जवाब के बाद कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने कहा, सरकार स्मारक बनाने के लिए जमीन तक नहीं तलाश पाई। ये देश के पहले सिख PM का अपमान है। प्रियंका गांधी ने डॉ. सिंह का स्मारक शक्ति स्थल (इंदिरा गांधी का स्मारक) या वीरभूमि (राजीव गांधी का स्मारक) के पास बनाने का सुझाव दिया। भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, 'कांग्रेस ने डॉ. सिंह को कभी सम्मान नहीं दिया। आज उनके निधन के बाद भी राजनीति कर रही है।' भाजपा प्रवक्ता सीआर केसवन ने कहा, 'UPA सरकार ने नरसिम्हा राव जी के लिए दिल्ली में कभी कोई स्मारक नहीं बनाया। पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय में भी नहीं रखा। PM मोदी ने उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया। साथ ही, भाजपा ने कहा, सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को बताया है कि भूमि अधिग्रहण, ट्रस्ट के गठन जैसी प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद जो भी समय लगेगा, वह काम उचित तरीके से और जल्द से जल्द किया जाएगा। सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस ने डॉ. सिंह को कभी सम्मान नहीं दिया। आज उनके निधन के बाद भी राजनीति कर रही है। डॉ. सिंह 10 साल तक PM पद संभालने वाले नेहरू-गांधी परिवार के बाहर पहले प्रधानमंत्री थे। आज दुख की इस घड़ी में राजनीति से बचना चाहिए। PM मोदी की सरकार ने दलगत भावनाओं से ऊपर उठकर सभी नेताओं को सम्मान दिया है। अन्य नेताओ में अखिलेश यादव ने कहा, पूर्व प्रधानमंत्री के संदर्भ में सम्मान की परंपरा का निर्वहन होना चाहिए। भाजपा अनुचित उदाहरण पेश न करे। साथ ही, संजय सिंह ने कहा, सिख समाज से आने वाले एकमात्र प्रधानमंत्री को अंतिम संस्कार के लिए राजघाट के पास जगह न देना सरकार की छोटी सोच को दिखाता है। सुखबीर सिंह बादल ने कहा, डॉ. सिंह के स्मारक के लिए स्थान राजघाट होना चाहिए। अतीत में अपनाई गई स्थापित प्रथा और परंपरा को ध्यान में रखना चाहिए।