मुंबई, 23 अगस्त, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) गठबंधन को लेकर कांग्रेस से 10 सवाल पूछे। उन्होंने कहा, सत्ता के लालच में बार-बार देश की एकता और सुरक्षा के साथ खेलने वाली कांग्रेस पार्टी ने जम्मू-कश्मीर चुनाव में एनसी के साथ गठबंधन कर फिर से अपने मंसूबों को देश के सामने रख दिया। उधर, जम्मू-कश्मीर चुनाव को लेकर दिल्ली में भाजपा की बैठक जारी है। जम्मू-कश्मीर के भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना, जुगल किशोर, अशोक कौल और तरुण चुघ बैठक में शामिल होने पार्टी चीफ जेपी नड्डा के आवास पर पहुंचे हैं। राज्य में 3 फेज, 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को चुनाव होने हैं। रिजल्ट 4 सिंतबर को आएगा।
अमित शाह के कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी से पूछे 10 सवाल -
- क्या कांग्रेस नेशनल कांफ्रेंस के जम्मू-कश्मीर में फिर से अलग झंडे के वादे का समर्थन करती है।
- क्या राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी आर्टिकल 370 और 35A को वापस लाकर जम्मू-कश्मीर को फिर से अशांति और आतंकवाद के युग में धकेलने के JKNC के निर्णय का समर्थन करती है।
- क्या कांग्रेस कश्मीर के युवाओं के बदले पाकिस्तान के 3 साथ वार्ता करके फिर से अलगाववाद को बढ़ावा देने का समर्थन करती है।
- क्या कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी, पाकिस्तान के साथ LOC ट्रेड शुरू करने के नेशनल कांफ्रेंस के निर्णय से फिर से बॉर्डर पार से आतंकवाद और उसके इकोसिस्टम का पोषण करने का समर्थन करते हैं।
- क्या कांग्रेस आतंकवाद और पत्थरबाजी की घटनाओं में 5 शामिल लोगों के परिजनों को फिर से सरकारी नौकरी में बहाल करके आतंकवाद, दहशतगर्दी और बंद के दौर को फिर से लाने का समर्थन करती है।
- इस गठबंधन से कांग्रेस पार्टी का आरक्षण विरोधी चेहरा सामने आया है। क्या कांग्रेस दलितों, गुज्जर, बकरवाल और पहाड़ियों के आरक्षण को समाप्त कर फिर से उनके साथ अन्याय करने के JKNC के वादे के साथ है।
- क्या कांग्रेस चाहती है कि शंकराचार्य पर्वत को तख्त-ए- सुलेमान और हरि पर्वत को कोह-ए-मारन के नाम से जाने जाएं।
- क्या कांग्रेस जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से भ्रष्टाचार की आग में झोंक कर पाकिस्तान समर्थित गिने चुने परिवारों के हाथों में सौंपने का समर्थन करती है।
- क्या कांग्रेस पार्टी JKNC के जम्मू और घाटी के बीच भेदभाव की राजनीति का समर्थन करती है।
- क्या कांग्रेस और राहुल गांधी कश्मीर को ऑटोनॉमी देने की JKNC की विभाजनकारी सोच और नीतियों का समर्थन करते हैं।