महिलाओं को पीरियड लीव मिलनी चाहिए या नहीं...? याचिका पर SC ने केंद्र को दिए ये अहम निर्देश

Photo Source :

Posted On:Monday, July 8, 2024

महिलाओं को पीरियड लीव मिलनी चाहिए या नहीं, इस पर मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने स्पष्ट किया कि यह नीतिगत मामला है और अदालत को इस पर विचार नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, महिलाओं को ऐसी छुट्टी देने पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय प्रतिकूल और 'हानिकारक' साबित हो सकता है, क्योंकि नियोक्ता उन्हें काम पर रखने से बच सकते हैं।

क्या पीरियड लीव मिलने से काम पर असर पड़ेगा?

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि याचिकाकर्ता का कहना है कि मई 2023 में केंद्र को अभ्यावेदन दिया गया था। चूंकि मुद्दे राज्य की नीति के विभिन्न उद्देश्यों को उठाते हैं, इसलिए इस न्यायालय के पास हमारे पहले के आदेशों के आलोक में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है। अदालत ने याचिकाकर्ता से पूछा कि अगर पीरियड लीव दी जाती है तो वह महिलाओं को कार्यबल का हिस्सा बनने के लिए कैसे प्रोत्साहित करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह की छुट्टी को अनिवार्य बनाने से महिलाएं कार्यबल से दूर हो जाएंगी। पीठ ने कहा, "...हम यह नहीं चाहते। यह वास्तव में सरकारी नीति का एक पहलू है और अदालतों को इस पर गौर नहीं करना चाहिए।"

अवधि अवकाश पर तैयारी के लिए आदर्श नीति क्या है?

हालांकि, पीठ ने याचिकाकर्ता और अधिवक्ता शैलेन्द्र त्रिपाठी की ओर से पेश अधिवक्ता राकेश खन्ना को मामले को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की सचिव और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी के समक्ष रखने की अनुमति दी। पीठ ने आदेश दिया, "हम सचिव से इस मामले को नीति स्तर पर देखने और सभी हितधारकों के साथ परामर्श के बाद निर्णय लेने का अनुरोध करते हैं और देखते हैं कि क्या एक मॉडल नीति बनाई जा सकती है।" अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि राज्य इस संबंध में कोई कार्रवाई करते हैं, तो केंद्र की परामर्श प्रक्रिया उनके रास्ते में नहीं आएगी।

क्या केंद्र सरकार पीरियड लीव को लेकर कोई फैसला लेगी?

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में छात्राओं और कामकाजी महिलाओं को मासिक धर्म के दर्द से राहत दिलाने की मांग वाली याचिका का निपटारा कर दिया। तब कोर्ट ने कहा कि चूंकि मामला नीति के दायरे में आता है, इसलिए अपना पक्ष केंद्र के सामने रखा जा सकता है. एक वरिष्ठ वकील ने कहा कि केंद्र ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है.


आगरा और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. agravocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.