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सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु मंत्री से कहा, जमानत मिलते ही मंत्री बन गए, कोर्ट देखेगी गवाह दबाव में तो नहीं, जानिए पूरा मामला

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Posted On:Monday, December 2, 2024

मुंबई, 01 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तमिलनाडु सरकार में मंत्री सेंथिल बालाजी को फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा, ये जानकर हैरानी हुई कि सेंथिल बालाजी को कैश-फॉर-जॉब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 26 सितंबर को जमानत मिलने के दो दिन बाद 28 सितंबर को तमिलनाडु सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिया गया। जस्टिस अभय एस ओका और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह ने कहा, हम जमानत देते हैं और अगले दिन आप (सेंथिल बालाजी ) जाकर मंत्री बन जाते हैं। ऐसे में सोचा जा सकता है कि सीनियर कैबिनेट मिनिस्टर के तौर पर आपके पद के कारण गवाह दबाव में होंगे। यह क्या हो रहा है? दरअसल, सुप्रीम कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें सेंथिल बालाजी के जमानत को चुनौती दी गई है। याचिका में कोर्ट से फैसला वापस लेने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि सेंथिल के मंत्री बनने से गवाह दबाव में होंगे। हालांकि, बेंच ने फैसला वापस लेने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि वो जांच के दायरे को इस तक सीमित रखेगी कि क्या गवाह दबाव में हैं। मामले की अगली सुनवाई 13 दिसंबर के बाद होगी।

दरअसल, साल 2011-16 के दौरान AIADMK शासन में बालाजी ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर थे। सेंथिल का नाम नौकरी के बदले नकद रिश्वत लेने के घोटाले में सामने आया था। इसके बाद वे दिसंबर 2018 में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) में शामिल हुए थे। मई 2021 में DMK तमिलनाडु की सत्ता में आई। सेंथिल को ऊर्जा मंत्री बनाया गया था। 14 जून 2024 को ED ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया। 29 जून को उन्हें मंत्रिपरिषद से बर्खास्त किया गया था। करीब तीन महीने बाद 26 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने शर्तों के साथ सेंथिल को जमानत दी थी। इसके दो दिन बाद ही 28 सितंबर को सेंथिल की फिर से तमिलनाडु सरकार में मंत्री के तौर पर वापसी हुई थी। वर्तमान में वे ऊर्जा, एक्साइज और उत्पाद मंत्रालय संभाल रहे हैं। मनी लॉन्ड्रिंग केस में तमिलनाडु के बिजली मंत्री वी सेंथिल बालाजी को 14 जून को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अरेस्ट किया था। एक दिन पहले ED सुबह-सुबह उनके घर पहुंची थी। उनसे 24 घंटे पूछताछ की गई थी। ED की कार्रवाई और पूछताछ के दौरान सेंथिल ने सीने में दर्द की शिकायत की थी। इसके बाद उन्हें मेडिकल जांच के लिए चेन्नई के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था। यहां वे दर्द से रोते हुए दिखे थे। तमिलनाडु के कानून मंत्री एस रघुपति ने कहा था कि सेंथिल बालाजी को निशाना बनाया गया और प्रताड़ित किया गया था। ED उनसे 24 घंटे लगातार पूछताछ करता रहा। ये पूरी तरह मानवाधिकार के खिलाफ है। DMK राज्यसभा सांसद एनआर एलंगो ने कहा था कि बालाजी को घर पर नजरबंद कर दिया गया था। 14 जून की रात 2:30 बजे तक उन्हें किसी भी दोस्त, रिश्तेदार और उनके वकील से मिलने नहीं दिया गया था।


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