मुंबई, 02 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। जयपुर में अपने घर का सपना देख रहे हजारों लोगों के लिए राहत की खबर है। जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा शहर के विभिन्न इलाकों में शुरू की गई तीन आवासीय योजनाओं सरस्वती विहार, गंगा विहार और यमुना विहार की लॉटरी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। बुधवार को नागरिक सेवा केंद्र में इन योजनाओं के लिए ऑनलाइन लॉटरी निकाली गई। प्राधिकरण की जेडीसी आनंदी ने बताया कि इन योजनाओं के बाद एक और नई योजना लॉन्च की जाएगी। इसके साथ ही अब लॉटरी में चयनित होने वाले आवेदकों को एसएमएस के जरिए प्लॉट आवंटन की जानकारी भेजी जाएगी और उन्हें ई-पट्टा की सुविधा भी मिलेगी। जेडीए की इन तीनों योजनाओं के 765 भूखंडों के लिए कुल 80 हजार 423 आवेदन प्राप्त हुए। सबसे अधिक आवेदन सरस्वती विहार योजना के लिए आए, जिसमें 300 भूखंडों के लिए 38 हजार 957 लोगों ने आवेदन किया। गंगा विहार योजना के 233 प्लॉटों के लिए 24 हजार 175 आवेदन प्राप्त हुए, जबकि यमुना विहार योजना के 232 भूखंडों के लिए 19 हजार 291 आवेदन आए। जयपुर विकास प्राधिकरण ने बताया कि इन सभी योजनाओं की आवंटन सूची उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है और आवेदक वहां जाकर सूची देख सकते हैं।
सरस्वती विहार योजना दौलतपुरा तहसील रामपुर में स्थित है, जो नींदड़-बैनाड़ रेलवे स्टेशन से साढ़े पांच किलोमीटर की दूरी पर और जयपुर रेलवे स्टेशन से 18.1 किलोमीटर दूर है। इस योजना में प्रति वर्गमीटर 11 हजार रुपये आरक्षित दर रखी गई है। गंगा विहार योजना जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग से ढाई किलोमीटर दूर बस्सी की कृषि अनाज मंडी के पीछे प्रस्तावित है और इसमें 14 हजार रुपये प्रति वर्गमीटर की आरक्षित दर तय की गई है। यमुना विहार योजना चाकसू के पुराने हाइवे के एंट्री पॉइंट पर है, जो जयपुर रेलवे स्टेशन से 34 किलोमीटर और एयरपोर्ट से 27 किलोमीटर दूर स्थित है। इसमें आरक्षित दर 15 हजार 500 रुपये प्रति वर्गमीटर रखी गई है। जेडीसी आनंदी ने बताया कि यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने इस वर्ष विधानसभा में सात आवासीय योजनाएं लॉन्च करने की घोषणा की थी, जिनमें से छह योजनाओं की लॉटरी प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है और अब अंतिम योजना जल्द ही लॉन्च की जाएगी। साथ ही, जेडीए ने एक नया ई-पट्टा सॉफ्टवेयर भी तैयार कर लिया है, जिससे लोग अब घर बैठे पट्टों की प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे। यह सुविधा न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश में पहली बार शुरू की गई है, जिससे प्रवासी नागरिकों को भी भविष्य में लाभ मिलेगा।