ताजा खबर

जलवायु में हो रहे परिवर्तन का इन भारतीय राज्यों में होगा ज्यादा प्रभाव, आप भी जानिए

Photo Source :

Posted On:Saturday, March 5, 2022

मुंबई, 5 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन) नवीनतम आईपीसीसी (जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल) रिपोर्ट के अनुसार, चरम जलवायु परिस्थितियों से दक्षिण एशिया में खाद्य सुरक्षा को खतरा है। संयुक्त राष्ट्र निकाय की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बाढ़ और सूखे के बढ़ते खतरे भारत और पाकिस्तान को जलवायु परिवर्तन के लिए सबसे अधिक संवेदनशील बना देंगे।

आईपीसीसी वर्किंग ग्रुप II की रिपोर्ट की दूसरी किस्त 'जलवायु परिवर्तन 2022: प्रभाव, अनुकूलन और भेद्यता' शीर्षक से एशिया में कृषि और खाद्य प्रणालियों के लिए जलवायु संबंधी जोखिमों के बारे में बात की गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि बदलती जलवायु के साथ जोखिम उत्तरोत्तर तेज होंगे, और पूरे क्षेत्र में अलग-अलग प्रभाव होंगे।

रिपोर्ट में कहा गया है, "उदाहरण के लिए, दक्षिण एशिया में, चरम जलवायु परिस्थितियों से खाद्य सुरक्षा को खतरा है, इस प्रकार भारत और पाकिस्तान जैसी कृषि आधारित अर्थव्यवस्थाएं इस संबंध में जलवायु परिवर्तन के लिए सबसे कमजोर हैं।"

उत्सर्जन में वृद्धि के साथ, 11 भारतीय राज्य ओडिशा, असम, मेघालय, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब सबसे अधिक प्रभावित होंगे। यदि उत्सर्जन में वृद्धि जारी रहती है, तो सभी भारतीय राज्यों में ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जो 30 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक तापमान का अनुभव करते हैं।

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि मौजूदा उत्सर्जन में कटौती का वादा किया गया था, उत्तरी और तटीय भारत के कई हिस्से सदी के अंत में 31 डिग्री सेल्सियस से अधिक के बेहद खतरनाक वेट-बल्ब तापमान तक पहुंच सकते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, कृषि और खाद्य क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के प्रमुख अनुमानित प्रभावों में विशेष रूप से दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया में मत्स्य पालन, जलीय कृषि और फसल उत्पादन में गिरावट शामिल है।

आईपीसीसी की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि भारत में चावल का उत्पादन 10-30 प्रतिशत से घट सकता है, जबकि मक्के के उत्पादन में 25-70 प्रतिशत की कमी देखी जा सकती है। यह इस धारणा पर आधारित है कि तापमान 1 डिग्री से 4 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाएगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय खाद्य आपूर्ति भी खतरे में है और अगर उत्सर्जन में तेजी से कटौती नहीं की गई तो व्यापक फसल खराब होने का खतरा बढ़ जाएगा।


आगरा और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. agravocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.