एशिया कप 2025 के सुपर-4 स्टेज में भारत ने एक बार फिर अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को करारा जवाब दिया। दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए इस हाई-वोल्टेज मुकाबले में भारत ने 6 विकेट से जीत दर्ज की और टूर्नामेंट में दमदार शुरुआत की।
पाकिस्तान ने पहले बल्लेबाजी करते हुए शानदार शुरुआत की, लेकिन मध्यक्रम की नाकामी के चलते वे 172 रन ही बना सके। जवाब में भारतीय बल्लेबाजों ने आत्मविश्वास से भरी बल्लेबाजी करते हुए लक्ष्य को सिर्फ 7 गेंद शेष रहते हासिल कर लिया। इस हार के बाद पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज तेज़ गेंदबाज़ वसीम अकरम का दर्द भी छलक उठा, जिन्होंने अपनी टीम के प्रदर्शन पर खुलकर निराशा जताई।
पाकिस्तान की पारी: अच्छी शुरुआत, फिर पतन
पाकिस्तान ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया और शुरुआत भी वैसी ही रही जैसी वे चाहते थे। पहले 10 ओवर में 91 रन बनाकर टीम ने भारतीय गेंदबाजों पर दबाव बनाया। लेकिन इसके बाद भारतीय स्पिनर्स और पेसर्स ने शानदार वापसी करते हुए पाक बल्लेबाजों को संभलने का मौका नहीं दिया।
मध्यक्रम पूरी तरह फ्लॉप रहा और पूरी टीम 20 ओवर में सिर्फ 172 रन पर सिमट गई। आखिरी 10 ओवरों में सिर्फ 81 रन बन पाए, जबकि उन्होंने 6 विकेट गंवाए।
भारतीय बल्लेबाजों का कमाल
भारत की पारी की शुरुआत बेहद शानदार रही। अभिषेक शर्मा और शुभमन गिल ने पहले विकेट के लिए तूफानी अंदाज में 100+ रन की साझेदारी की। उनकी बल्लेबाजी ने मैच की दिशा वहीं तय कर दी थी।
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अभिषेक शर्मा: 39 गेंदों में 74 रन (8 चौके, 3 छक्के)
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शुभमन गिल: 28 गेंदों में 47 रन
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तिलक वर्मा: 19 गेंदों में 30 रन (नाबाद)
भारतीय बल्लेबाजों ने दिखा दिया कि वे किसी भी परिस्थिति में लक्ष्य का पीछा करने में सक्षम हैं। खासकर युवाओं का प्रदर्शन यह साबित करता है कि भारत की बैटिंग लाइनअप में गहराई और निरंतरता है।
वसीम अकरम का छलका दर्द
मैच के बाद एक स्पोर्ट्स चैनल पर बातचीत के दौरान वसीम अकरम अपनी भावनाओं को नहीं रोक पाए। उन्होंने पाकिस्तानी टीम के हालिया प्रदर्शन को निराशाजनक और चिंताजनक करार दिया।
उन्होंने कहा:
"मैं अपने दिल की बात कहूं तो पाकिस्तान को ऐसे हारते देखना बेहद दुखद है। भारतीय टीम हर विभाग में हमसे आगे है। पिछले 4-5 सालों में उन्होंने जिस तरह का प्रदर्शन किया है, वो काबिल-ए-तारीफ है। हम एक या दो मैच जरूर जीते हैं, लेकिन भारत ने हर बार गेम को बेहतर तरीके से पढ़ा और अंजाम तक पहुंचाया है।"
वसीम ने यह भी कहा कि पाकिस्तानी फील्डिंग, टीम चयन और मैच के दौरान रणनीति में साफ कमी दिखाई देती है। साथ ही उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पाकिस्तान की तुलना में भारत की बेंच स्ट्रेंथ और टैलेंट पूल कहीं ज्यादा बेहतर है।
भारत की जीत के मायने
भारत की यह जीत सिर्फ एक मुकाबला जीतने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह टीम की मानसिक दृढ़ता, रणनीतिक स्पष्टता और युवाओं की परिपक्वता का प्रमाण है। भारत की ओर से कोई एक खिलाड़ी नहीं बल्कि पूरी टीम ने योगदान दिया, जो किसी भी बड़ी टूर्नामेंट में सफलता के लिए सबसे जरूरी होता है।
क्या कहता है भविष्य?
इस जीत के बाद भारत ने सुपर-4 में अपना दबदबा बना लिया है और फाइनल की ओर मजबूती से कदम बढ़ा दिए हैं। वहीं पाकिस्तान को अब बाकी दोनों मुकाबले हर हाल में जीतने होंगे, ताकि वे फाइनल में पहुंचने की उम्मीद जगा सकें।
वसीम अकरम जैसे पूर्व खिलाड़ियों की खुली आलोचना यह संकेत है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और टीम मैनेजमेंट को अपनी रणनीति पर गहराई से मंथन करना होगा।
निष्कर्ष
भारत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि जब भी बात पाकिस्तान से भिड़ने की होती है, तो वे अपने खेल के स्तर को एक पायदान ऊपर ले जाते हैं। इस जीत ने ना सिर्फ टीम का आत्मविश्वास बढ़ाया, बल्कि यह भी दिखाया कि नई पीढ़ी के खिलाड़ी दबाव वाले मुकाबलों में भी परिपक्वता से खेल सकते हैं।