मुंबई, 04 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। मॉरिशस में शिवरात्रि से पहले होने वाले एक धार्मिक अनुष्ठान के दौरान आग लगने से 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई। कई लोग इसमें घायल हुए। घटना पर विदेश मंत्री एय जयशंकर ने दुख जताया है। मॉरिशस के पुलिस कमिश्नर अनिल कुमार दिप ने कहा- श्रद्धालु शिवरात्रि से पहले 3 मार्च को ग्रैंड बेसिन झील तक पैदल यात्रा कर रहे थे। ये लोग लकड़ी और बांस से बनी एक गाड़ी पर देवताओं की मूर्तियां रखकर झील जा रहे थे। ये गाड़ी बिजली के खुले तारों के संपर्क में आ गई और इसमें आग लग गई। ग्रैंड बेसिन झील को पूर्वी अफ्रीकी देश मॉरिशस का हिंदू समुदाय पवित्र मानता है।
अफ्रीकी देश मॉरिशस में हिंदू सबसे बड़ा धर्म है। 2011 की सेंसस के मुताबिक, यहां करीब 48.5% आबादी हिंदू है। यह अफ्रीका का इकलौता ऐसा देश है, जहां इतनी बड़ी तादाद में हिंदू रहते हैं। वैश्विक स्तर पर देखा जाए, तो हिंदुओं की आबादी के मामले में भारत और नेपाल के बाद मॉरिशस का ही नाम आता है। मॉरिशस में हिंदू धर्म तब आया जब भारतीय मजदूरों को कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर फ्रांसीसी कॉलोनियों में लाया गया था। इसके बाद इन्हें मॉरिशस सहित हिंद महासागर के कई द्वीपों पर ब्रिटिश कॉलोनियों में भी काम पर लगाया गया। यह मजदूर मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से आए थे। बाद में इनमें से बड़ी संख्या में लोग मॉरिशस में ही बस गए। मॉरिशस की सरकार ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर 22 जनवरी को हिंदू धर्म मानने वाले कर्मचारियों के लिए 2 घंटे की छुट्टी की घोषणा की थी। वहीं, मॉरिशस के सांसद महेंद गंगा प्रसाद ने प्रधानमंत्री मोदी का आभार जताते हुए कहा था कि सिर्फ PM मोदी ही अयोध्या को फिर से दुनिया के सामने ला सकते थे और उन्होंने ऐसा कर दिखाया है। मैं और मॉरिशस में रह रहे हिंदू आज इस बात से बेहद खुश हैं कि भगवान राम का मंदिर अब वहां है, जहां वे पैदा हुए थे।