मुंबई, 15 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के नागरिकों ने FBI, जस्टिस डिपार्टमेंट और कैलिफोर्निया के सिलिकॉन वैली की लोकल पुलिस के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने बताया कि अमेरिकी जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ आतंकी हमलों के लिए किया जा रहा है। इस दौरान हिंदुओं और जैन धर्म के मंदिरों के खिलाफ हेट क्राइम के मुद्दे पर भी चिंता जताई गई। बैठक में करीब 25 भारतीय अमेरिकी नागरिक मौजूद रहे। उन्होंने कहा, मंदिरों पर अचानक हमले बढ़ गए हैं, जिसकी वजह से यहां रह रहे भारतीय और भारतवंशी डर में हैं। खालिस्तान समर्थक स्कूलों और भारतीयों की दुकानों के बाहर ट्रक खड़ा कर उन्हें डराने धमकाने की कोशिश करते हैं। इस दौरान खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का भी जिक्र किया गया, जिसकी स्थापना गुरपतवंत सिंह पन्नू ने की थी। बैठक में बताया गया कि पन्नू के समर्थक अमेरिका में सबसे ज्यादा हिंदू और भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहते हैं। भारतीय समुदाय के लोगों ने पन्नू की तरफ से बार-बार जारी किए जा रहे भड़काऊ और धमकी भरे भाषणों के खिलाफ एक्शन की भी मांग की। मीटिंग के दौरान भारतीय अमेरिकियों ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि FBI और पुलिस जैसी एजेंसियां ऐसे लोगों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले रही है। इनमें वो लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने हाल ही में सैन फ्रांसिस्को में भारतीय दूतावास को जलाने की कोशिश की थी और डिप्लोमैट्स को खुलेआम धमकी दी थी।
तो वहीं, बैठक में शामिल एक भारतवंशी ने FBI को बताया कि खालिस्तान समर्थक खुलेआम एअर इंडिया के विमानों को उड़ाने की धमकी दे रहे हैं। खालिस्तानी हिंदुओं को टारगेट करने वाले मैसेज बैनर पर लिखकर घूमते हैं। दूसरी तरफ FBI ने कहा कि उन्हें खालिस्तानियों की गतिविधियों के बारे में जानकारी नहीं है। मीटिंग में जस्टिस डिपार्मेंट ने एक वर्किंग ग्रुप बनाने का वादा किया, जो धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा इंतजाम पुख्ता करने का काम करेगा। इस वर्किंग ग्रुप में भारतीय समुदाय से जुड़े कई लोगों को भी शामिल किया जाएगा। वहीं पिछले कुछ महीनों के अंदर अमेरिका में भारतीयों की मौत की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। इस साल शुरुआती 2 महीनों के अंदर अमेरिका में 5 भारतीय छात्रों और 3 भारतीय मूल के लोगों की मौत हो गई। भारतीयों की मौत पर पिछले महीने व्हाइट हाउस ने भी बयान जारी किया था। व्हाइट हाउस के नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के स्पोक्स पर्सन जॉन किर्बी ने कहा था- नस्ल, लिंग या किसी भी आधार पर हिंसा अमेरिका में स्वीकार नहीं की जाएगी। राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनका प्रशासन इन हमलों को रोकने की पूरी कोशिश कर रहा है।