मुंबई, 14 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। दुनिया के सबसे ताकतवर रॉकेट स्टारशिप का तीसरा टेस्ट लगभग सक्सेसफुल रहा। इसे 14 मार्च को शाम 6:55 बजे टेक्सास के बोका चिका से लॉन्च किया गया था। स्टारशिप को स्पेस में ले जाने के बाद 7.59 बजे हिंद महासागर में लैंड करना था, लेकिन पृथ्वी के वातावरण में रीएंट्री के बाद जब रॉकेट 65 Km ऊपर था तब उसका संपर्क टूट गया। दुनिया के तीसरे सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने इस रॉकेट को बनाया है। स्टारशिप स्पेसक्राफ्ट और सुपर हैवी रॉकेट को कलेक्टिवली 'स्टारशिप' कहा जाता है। इस व्हीकल की ऊंचाई 397 फीट है। ये पूरी तरह से रीयूजेबल है और 150 मीट्रिक टन भार ले जाने में सक्षम है। स्टारशिप सिस्टम 100 लोगों को एक साथ मंगल ग्रह पर ले जा सकेगा।
तो वहीं, स्पेसएक्स ने कहा कि स्टारशिप रीएंट्री के दौरान सर्वाइव नहीं कर पाई, लेकिन उसने उड़ान के दौरान कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं। वहीं एलन मस्क ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इस साल आधा दर्जन स्टारशिप उड़ान भरेंगी। साथ ही स्टारशिप ने ऑर्बिट में पहुंचने के बाद पेलोड डोर को खोला और बंद किया। रॉकेट के भीतर दो टैंकों के बीच कई टन तरल ऑक्सीजन को मूव किया। स्टारशिप की पृथ्वी के वातावरण में रीएंट्री कराई, लेकिन संपर्क टूट गया।