मुंबई, 16 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। फ्रांस के खिलाफ प्रशांत महासागर के न्यू कैलेडोनिया आइलैंड पर मतदान संबंधी नियमों को लेकर तीन दिनों से हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। इस आइलैंड पर 171 साल से फ्रांस का कब्जा है। दंगों में अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है और 64 घायल हैं। पुलिस ने 200 लोगों को गिरफ्तार किया है। फ्रांस की सरकार ने खुद इसकी जानकारी संसद में दी है। सरकार ने वहां 12 दिनों के लिए आपातकाल लगा दिया है। इस दौरान किसी के भी बाहर निकलने पर पाबंदी लगाई गई है। एयरपोर्ट्स और बंदरगाहों की सुरक्षा के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है। सड़कों पर सेना के टैंक गश्त कर रहे हैं।
वहीं, फ्रांस के न्यूज चैनल France 24 के मुताबिक, फ्रांस ने हाल ही में न्यू कैलेडोनिया में मतदान नियमों में बदलाव वाला विधेयक (बिल) पास किया था। इस बिल के तहत न्यू कैलेडोनिया में वहां के मूल निवासियों के अलावा फ्रांस से जाकर वहां बसने वाले लोगों को भी वोटिंग का अधिकार दिया गया है। इसे लेकर वहां की तीन नगर पालिकाओं में 5 हजार से ज्यादा प्रदर्शनकारी बिल का विरोध कर रहे हैं। न्यू कैलेडोनिया एक आइलैंड है। प्रदर्शनकारियों ने यहां जगह-जगह पर बैरिकेड लगा दिए है, जिससे जरूरी सेवाएं ठप हो गई है। प्रदर्शनकारियों ने शहर में दुकानों को लूटना शुरू कर दिया है और कई दुकानों को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे लोग अब फ्रांस से अलग होना चाहते हैं। पिछले कुछ सालों से न्यू कैलेडोनिया के लोग अलग देश की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए वहां केवल 1800 ही पुलिसकर्मी है। सरकार ने दंगे को रोकने के लिए टिक टॉक पर भी बैन लगा दिया गया है। इन दंगों का असर पडोसी देश ऑस्ट्रेलिया पर भी दिखने लगा है। ऑस्ट्रेलिया के विदेश मामलों के मंत्री पेनी वोंग ने लोगों से अपील की है कि वो न्यू कैलेडोनिया न जाएं।। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में शांति बनी रहनी चाहिए। ऑस्ट्रेलियाई सरकार बातचीत के पक्ष में है। वोंग ने न्यू कैलेडोनिया के लोग से कहा है कि आपको बातचीत का रास्ता चुनना चाहिए।