हम सभी होली के लिए उत्साहित हैं। मार्च में होली का त्योहार है। सनातन धर्म में होली के पर्व का विशेष महत्व है। पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को होलिका दहन होता है और अगले दिन चैत्र मास की प्रतिपदा को होली खेली जाती है। होली पर लोग रंग और पानी से खेलते हैं। होली से पहले होलाष्टक 8 दिनों तक चलता है। फिर होलाष्टक का समापन होलिका दहन के साथ होता है। होलाष्टक के 8 दिनों में कोई भी शुभ कार्य नहीं करने की प्रथा है। अगर कोई इन दिनों में शुभ कार्य करता है तो उसे परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, इसलिए होलिकोत्सव के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य करने से बचना चाहिए। होलाष्टक इस साल शुरू हो रहा है और कुछ ऐसी चीजें हैं जिनसे आपको होली के दौरान परहेज करना चाहिए।
होलाष्टक 2023 की शुरुआत
इस साल होलिका दहन 7 मार्च 2023 को किया जाएगा। वहीं होली 8 मार्च को खेली जाएगी। होली से 8 दिन पहले होलाष्टक होता है, इसलिए इस साल होलाष्टक 28 फरवरी से शुरू हो रहा है और 7 मार्च तक चलेगा।
इसलिए होलाष्टक पर शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं
पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि एक बार प्रेम के देवता कहे जाने वाले कामदेव ने महादेव की तपस्या भंग कर दी थी। इससे क्रोधित होकर महादेव ने फाल्गुन की अष्टमी तिथि को कामदेव को भस्म कर दिया था। उसके बाद कामदेव की पत्नी रति ने शिव की पूजा की और कामदेव को पुनर्जीवित करने की प्रार्थना की। रति की प्रार्थना से प्रभावित होकर शिव ने रति के अनुरोध को स्वीकार कर लिया। अत: जिस समय महादेव ने रति की प्रार्थना स्वीकार कर ली, उसी समय होलाष्टक का अंत मान लिया। यह हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है और होलिका दहन के दिन इसका समापन होता है। इसलिए 8 दिनों की अवधि को शुभ मानते हैं।