देशभर में मकर संक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है. धार्मिक परंपरा के अनुसार मकर संक्रांति के अवसर पर पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है। इसके अलावा जरूरतमंदों को मौसम के अनुसार उपयुक्त कपड़े और भोजन का दान किया जाता है। मान्यता है कि तिल संक्रांति पर गंगा स्नान और दान करने से पुण्य मिलता है। धर्मशास्त्रों के विशेषज्ञ पं. मणिभूषण झा ने बताया कि इस दिन पुण्यकाल और महापुण्यकाल में स्नान दान करने से विशेष लाभ मिलता है.
मकर संक्रांति पर पुण्य काल और महापुण्य काल
आज मकर संक्रांति के दिन महापुण्यकाल का समय सुबह 9 बजे तक रहेगा। इस अवधि में स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही ग्रह संबंधी दोष भी दूर हो जाएंगे। आपको बता दें कि आज पुण्यकाल सुबह 7.15 बजे से शाम 5.46 बजे तक है।
मकर संक्रांति पर क्या करें?
मकर संक्रांति पर स्नान और दान करना पुण्य का कार्य माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से विशेष लाभ मिलता है। अगर आप गंगा स्नान करने में असमर्थ हैं तो घर पर ही नहाने के पानी में 5 बूंद गंगा जल मिलाकर स्नान करें।स्नान करते समय मां गंगा का ध्यान करने से भी पुण्य मिलता है। मकर संक्रांति पर दान करने की परंपरा है। ऐसे में जरूरतमंद लोगों को ही दान करें। दान के लिए ऊनी वस्त्र, कंबल, तिल (काले, सफेद), गजक, मिठाई, गुड़, खिचड़ी, चलव (कच्चा), उड़द की दाल, अरहर की दाल आदि का प्रयोग करें।
मकर संक्रांति पर क्या न करें?
आज मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान के बाद मन में किसी के प्रति कोई बुरे विचार न रखें। साथ ही किसी को अपशब्द न बोलें क्योंकि ऐसा करने से स्नान दान का पुण्य नहीं मिलता है। स्नान के बाद और दान के समय काले कपड़े पहनने से बचें।लाल, पीले और केसरिया रंग के कपड़े पहनना अच्छा रहेगा। इन रंगों के प्रयोग से सकारात्मकता बनी रहेगी। आज मकर संक्रांति के दिन अपने पिता का अपमान न करें।यदि आपके घर कोई साधु-संत आएं तो उनके बारे में बुरा न बोलें और न ही उनके बारे में बुरा सोचें। ईश्वर ने तुम्हें जो भी क्षमता दी है, उसका कुछ न कुछ दान करो।