वास्तुशास्त्र के अनुसार पूजा घर यानी मंदिर की साफ-सफाई और रखरखाव को लेकर भी नियम बनाए गए हैं। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इन नियमों का सख्ती से पालन करते हैं उनके घर में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। इसके अलावा व्यक्ति के जीवन में सफलता के नए रास्ते भी खुलते हैं। आइए जानते हैं किस दिन मंदिर की सफाई करना शुभ होता है और कौन सा दिन अशुभ। हिंदू धर्म में हर दिन का विशेष महत्व होता है। सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है, जिस दिन भगवान की विशेष पूजा की जाती है। इसके अलावा धर्म में शुभ और अशुभ का भी बहुत महत्व है। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि घर या मंदिर में कुछ विशेष वस्तुएं रखने से परिवार की सुख-समृद्धि पर असर पड़ता है। इसके अलावा पूजा-पाठ और मंदिर की साफ-सफाई के लिए भी एक विशेष दिन और समय होता है, जिससे दोगुना फल मिलता है। इसके अलावा परिवार में शांति बनी रहती है.
किस दिन करनी चाहिए मंदिर की सफाई?
वास्तु शास्त्र के अनुसार शनिवार के दिन मंदिर की सफाई करना बहुत शुभ होता है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग शनिवार के दिन पूजा घर की सफाई करते हैं, उनकी परेशानियां दूर हो जाती हैं। इसके अलावा वास्तु दोष से भी राहत मिलती है। इसके अलावा व्यक्ति के जीवन की सभी परेशानियां कम हो जाती हैं।
मंदिर की सफाई कैसे करें?
मंदिर को साफ करने के लिए सबसे पहले मंदिर में मौजूद देवी-देवताओं की तस्वीरों को गंगा जल से साफ करें। इसके बाद दीपक को गीले कपड़े से पोंछ लें। जली हुई माचिस की तीलियाँ, बाती, फूल और अन्य वस्तुएं जिनकी आवश्यकता नहीं है उन्हें मंदिर से अलग कर लें और बाद में उन्हें गंगा या किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दें। मंदिर की पूरी तरह से सफाई करने के बाद अंत में पूरे मंदिर में गंगा जल छिड़कें। इससे मंदिर शुद्ध हो जाएगा और घर से सारी नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाएगी।