1 अप्रैल 2025 को हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। यह तिथि 2 अप्रैल को अर्धरात्रि 2:32 बजे तक रहेगी, जिसके बाद पंचमी तिथि का आरंभ होगा।
नक्षत्र और योग:
इस दिन भरणी नक्षत्र पूर्वाह्न 11:06 बजे तक रहेगा, उसके बाद कृत्तिका नक्षत्र प्रारंभ होगा। विष्कुम्भ योग प्रातः 9:47 बजे तक रहेगा, उसके बाद प्रीति योग आरंभ होगा।
करण:
वणिज करण सायं 4:04 बजे तक रहेगा, उसके बाद विष्टि करण अर्धरात्रि 2:32 बजे तक रहेगा, जिसके पश्चात बव करण प्रारंभ होगा।
चंद्रमा की स्थिति:
चंद्रमा सायं 4:30 बजे तक मेष राशि में रहेगा, उसके बाद वृषभ राशि में प्रवेश करेगा।
सूर्योदय और सूर्यास्त:
सूर्योदय प्रातः 6:22 बजे होगा और सूर्यास्त सायं 6:38 बजे होगा।
व्रत और त्योहार:
1 अप्रैल 2025 को दमनक चतुर्थी का व्रत मनाया जाएगा। इसके अलावा, यह चैत्र नवरात्रि का चौथा दिन है, जिसमें मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है।
शुभ और अशुभ मुहूर्त:
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अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 12:00 बजे से 12:50 बजे तक।
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राहुकाल: अपराह्न 3:34 बजे से 5:06 बजे तक।
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गुलिक काल: दोपहर 12:00 बजे से 1:30 बजे तक।
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यमगंड काल: सुबह 8:30 बजे से 10:00 बजे तक।
दिशा शूल:
मंगलवार को उत्तर दिशा में यात्रा करना अशुभ माना जाता है। यदि यात्रा आवश्यक हो, तो गुड़ का सेवन करके निकलना शुभ होता है।
चौघड़िया मुहूर्त:
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शुभ: सुबह 9:00 बजे से 10:30 बजे तक।
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चर: दोपहर 12:00 बजे से 1:30 बजे तक।
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लाभ: दोपहर 1:30 बजे से 3:00 बजे तक।
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अमृत: सायं 6:00 बजे से 7:30 बजे तक।
सुझाव:
आज के दिन गणेश जी की पूजा विशेष फलदायी मानी जाती है। साथ ही, नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की आराधना से भक्तों को समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
नोट: पंचांग समय और तिथियां स्थान के अनुसार भिन्न हो सकती हैं। अतः स्थानीय पंचांग या ज्योतिषी से परामर्श करना उचित होगा।