हर युवा का सपना होता है कि वह अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर एक सुरक्षित भविष्य और आकर्षक वेतन वाली नौकरी हासिल करे। अब तक भारतीय युवाओं और कुशल कामगारों की पहली पसंद सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और कतर जैसे खाड़ी देश हुआ करते थे। लेकिन वैश्विक परिदृश्य में हो रहे बदलावों और आर्थिक जरूरतों ने अब एक नए देश को इस सूची में सबसे ऊपर ला खड़ा किया है—रूस।
हालिया रिपोर्ट्स और बढ़ते आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि रूस अब भारतीय श्रमिकों के लिए 'लैंड ऑफ अपॉर्च्युनिटी' बनता जा रहा है। विशेष रूप से कंस्ट्रक्शन, तेल-गैस रिफाइनरी और मैन्युफैक्चरिंग जैसे क्षेत्रों में भारतीय हुनर की मांग चरम पर है।
रूस में लेबर संकट और बढ़ती मांग
रूस इस समय एक गंभीर श्रम संकट (Labor Shortage) से जूझ रहा है। इसके पीछे दो मुख्य कारण हैं:
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जनसांख्यिकीय बदलाव: रूस की आबादी तेजी से बूढ़ी हो रही है, जिससे कार्यबल में युवाओं की कमी हो गई है।
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भू-राजनीतिक परिस्थितियाँ: यूक्रेन के साथ चल रहे लंबे संघर्ष के कारण स्थानीय युवाओं का एक बड़ा हिस्सा सैन्य मोर्चों पर तैनात है।
रूसी श्रम मंत्रालय के अनुमान के अनुसार, साल 2030 तक देश की अर्थव्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए लगभग 1.1 करोड़ अतिरिक्त कामगारों की आवश्यकता होगी। पहले रूस इन जरूरतों के लिए मध्य एशियाई देशों पर निर्भर था, लेकिन अब वहां की कंपनियों का भरोसा भारतीय कामगारों पर तेजी से बढ़ा है।
आंकड़ों में बढ़ता रुझान
बीते चार सालों में रूस जाने वाले भारतीयों की संख्या में 60 फीसदी का उछाल आया है। साल 2024 के आंकड़े बताते हैं कि रूस ने लगभग 72,000 भारतीयों को वर्क परमिट जारी किए हैं। भारत के पश्चिम बंगाल, बिहार, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों से बड़ी तादाद में कुशल और अकुशल श्रमिक वहां का रुख कर रहे हैं।
आकर्षक सैलरी पैकेज और सुविधाएं
रूस की ओर युवाओं के आकर्षित होने का सबसे बड़ा कारण वहां मिलने वाला वेतन (Salary Package) है। भर्ती एजेंसियों के डेटा के अनुसार:
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शुरुआती वेतन: एक सामान्य भारतीय मजदूर को भी वहां लगभग 50,000 रुपये प्रति माह की शुरुआती सैलरी मिल रही है।
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अनुभवी कामगार: जिनके पास विशेष हुनर है, वे 1.50 लाख रुपये प्रति माह तक कमा रहे हैं।
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अन्य लाभ: वेतन के अलावा अधिकांश कंपनियां मुफ्त आवास, भोजन और ओवरटाइम (Overtime) की सुविधा भी दे रही हैं, जिससे बचत की संभावना बढ़ जाती है।
इन सेक्टर्स में है सबसे ज्यादा मौके
रूस में फिलहाल 'ब्लू-कॉलर जॉब्स' की भारी मांग है। अगर आप निम्नलिखित क्षेत्रों में कुशल हैं, तो वहां करियर बनाना आसान है:
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कंस्ट्रक्शन: वेल्डर, बढ़ई (Carpenter), और राजमिस्त्री।
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तकनीकी: इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर और मैकेनिक्स।
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इंडस्ट्रियल: फैक्ट्री ऑपरेटर और मशीन चलाने वाले।
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लॉजिस्टिक्स: भारी वाहन और ट्रक ड्राइवर।