कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने पीएफ क्लेम से जुड़ी प्रक्रिया को और सरल बना दिया है। नए नियमों के अनुसार अब ऑनलाइन क्लेम करते समय न ही बैंक पासबुक की सत्यापित कॉपी और न ही चेक लीफ की फोटो अपलोड करनी होगी। इसके साथ ही यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) से बैंक खाते को लिंक करने के लिए नियोक्ता (Employer) की मंजूरी की आवश्यकता भी समाप्त कर दी गई है। इन बदलावों की घोषणा केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने की, जिन्होंने दावा किया कि इससे लाखों कर्मचारियों को बड़ी राहत मिलेगी।
क्यों जरूरी थे ये बदलाव?
EPFO को लगातार यह शिकायत मिल रही थी कि क्लेम प्रक्रिया के दौरान बैंक डिटेल्स को वेरिफाई करने में देरी हो रही है और दावा रिजेक्ट होने की दर भी ज्यादा है। बैंक पासबुक या चेक लीफ की फोटो अपलोड करने की अनिवार्यता के चलते न केवल प्रक्रिया जटिल बन रही थी, बल्कि डॉक्यूमेंट अपलोड में तकनीकी दिक्कतें भी सामने आ रही थीं।
बैंक खाते की तस्वीर की अनिवार्यता समाप्त
अब EPFO ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब कोई सदस्य अपने बैंक खाते को UAN से लिंक करता है, तो उस समय ही बैंकिंग जानकारी की पुष्टि हो जाती है। ऐसे में दोबारा फोटो अपलोड करने की आवश्यकता नहीं रह गई है। यह बदलाव न केवल प्रक्रिया को तेज बनाएगा, बल्कि दावों की अस्वीकृति दर को भी घटाएगा।
नियोक्ताकी मंजूरी की बाध्यता खत्म
अब तक बैंक खाता जोड़ने के लिए कर्मचारियों को अपने नियोक्ता की मंजूरी की जरूरत होती थी, जिससे कई बार अप्रूवल में महीनों लग जाते थे। नए नियमों के तहत अब यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑटोमेटेड होगी और कर्मचारी सीधे अपने UAN पोर्टल से बैंक खाता जोड़ सकेंगे।
केंद्रीय मंत्रालय के अनुसार, वर्तमान में करीब 14.95 लाख बैंक खाता लिंकिंग आवेदन लंबित हैं, जिनमें से अधिकांश की वजह नियोक्ता की मंजूरी में देरी है। इस कदम से इन लंबित मामलों का त्वरित निपटारा होगा।
दावा निपटान की प्रक्रिया होगी और सरल
EPFO के अनुसार, इन बदलावों से क्लेम सेटलमेंट की औसत समयसीमा में भी कटौती होगी। पहले जहाँ पीएफ निकालने में 10-15 दिन लगते थे, अब यह प्रक्रिया कुछ ही दिनों में पूरी हो सकेगी।
भविष्य की योजनाएँ: ATM से पीएफ निकालने की सुविधा
मंत्रालय ने यह भी संकेत दिया है कि आने वाले समय में EPFO ATM कार्ड जैसे विकल्प पर काम कर रहा है, जिससे कर्मचारी सीधे एटीएम से पीएफ राशि निकाल सकेंगे। इस सुविधा को जून 2025 तक लागू करने की योजना है। यह सुविधा भारत में पीएफ प्रणाली को पूरी तरह से डिजिटल और उपभोक्ता केंद्रित बना देगी।
निष्कर्ष
EPFO द्वारा उठाए गए ये कदम डिजिटल इंडिया की दिशा में महत्वपूर्ण हैं। बैंक पासबुक की अनिवार्यता और नियोक्ता की मंजूरी की बाध्यता समाप्त होने से कर्मचारी अब पहले से कहीं ज्यादा आसानी से और तेज़ी से अपने पीएफ दावों का निपटान कर सकेंगे। ATM से निकासी की सुविधा आने वाले समय में इस व्यवस्था को और भी बेहतर बना देगी। यह न केवल कर्मचारी हित में है, बल्कि EPFO की कार्यक्षमता और पारदर्शिता को भी बढ़ावा देगा।