बिहार: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मंगलवार को बिहार के हाजीपुर में पूर्व मध्य रेल (ECR) के रेलवे कंस्ट्रक्शन विभाग के कार्यालय में एक बड़ी छापेमारी की। इस कार्रवाई में निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ इंजीनियर और दो निजी कर्मियों सहित कुल तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। सीबीआई ने मौके से एक करोड़ रुपये की नकद रिश्वत भी बरामद की है, जिसे आठ अलग-अलग पैकेटों में रखा गया था। सीबीआई सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, यह रिश्वतखोरी का मामला रेलवे के निर्माण कार्यों से जुड़ा है। बताया जा रहा है कि झारखंड की एक निजी कंपनी को बिहार में रेलवे कंस्ट्रक्शन का ठेका दिया गया था। यह निर्माण कार्य मोतिहारी के सुगौली से लेकर अररिया जिले तक चल रहा है। इस परियोजना से संबंधित कार्यों को सुचारू रूप से चलाने और मंजूरी दिलाने के एवज में संबंधित अधिकारियों को घूस की रकम दी जानी थी।
आठ पैकेटों में रखे गए थे 1 करोड़ रुपये
सीबीआई की टीम ने मौके पर पहुंचकर पाया कि बरामद की गई करीब एक करोड़ रुपये की राशि को आठ अलग-अलग पैकेटों में सावधानी से रखा गया था। सूत्रों ने पुष्टि की है कि ये पैकेट अलग-अलग अधिकारियों को दिए जाने थे, जो इस निर्माण परियोजना के विभिन्न चरणों में शामिल थे। इस तरह रिश्वत की रकम का वितरण दिखाता है कि भ्रष्टाचार का यह रैकेट एक सुनियोजित नेटवर्क के तहत काम कर रहा था। सीबीआई ने इस मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है और गहन छानबीन शुरू कर दी है। गिरफ्तार किए गए तीनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है ताकि इस रिश्वतखोरी के नेटवर्क की जड़ों तक पहुंचा जा सके।
गिरफ्तारी के बाद, सीबीआई ने इस मामले से जुड़े कई अन्य अधिकारियों के ठिकानों पर भी छापेमारी शुरू कर दी है। अधिकारियों का मानना है कि इस रैकेट में और भी वरिष्ठ अधिकारी शामिल हो सकते हैं। इस छापेमारी का उद्देश्य रिश्वतखोरी के इस पूरे सिंडिकेट का पर्दाफाश करना और रेलवे के निर्माण कार्यों में होने वाले भ्रष्टाचार को उजागर करना है। पूर्व मध्य रेल के कंस्ट्रक्शन विभाग में हुई यह बड़ी कार्रवाई केंद्र सरकार द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की गंभीरता को दर्शाती है। करोड़ों रुपये के सरकारी ठेकों में इस तरह की रिश्वतखोरी न केवल सरकारी खजाने को नुकसान पहुँचाती है, बल्कि रेलवे जैसी महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजना की गुणवत्ता और समय पर पूरा होने को भी प्रभावित करती है। इस मामले में आगे की गिरफ्तारियाँ होने की प्रबल संभावना है, जिससे बिहार और झारखंड के रेलवे निर्माण क्षेत्रों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर और रोशनी पड़ेगी।