दिल्ली की जनता ने फैसला कर दिया है। शुरुआती रुझान बताते हैं कि भाजपा को बहुमत मिलेगा। इस तरह दिल्ली में लगातार तीन बार सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (आप) की विदाई लगभग तय है। दिल्ली चुनाव के नतीजे आप प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लिए चौंकाने वाले हैं, जो लगातार अपनी जीत का दावा कर रहे थे। आइए जानते हैं आम आदमी पार्टी के इस प्रदर्शन के 5 मुख्य कारण क्या हैं।
भ्रष्टाचार के आरोप
कथित शराब नीति घोटाले में अरविंद केजरीवाल को जेल जाना पड़ा। वह लंबे समय तक तिहाड़ में रहे, जिससे उनकी और पार्टी की छवि पर कुछ असर पड़ा। भाजपा जनता को यह बताने में सफल रही कि केजरीवाल उतने साफ-सुथरे नहीं हैं, जितना वे दावा करते हैं।
शीश महल विवाद
मुख्यमंत्री रहते हुए अरविंद केजरीवाल पर मुख्यमंत्री आवास के सौंदर्यीकरण पर पानी की तरह पैसा खर्च करने का आरोप लगा था। इससे जनता में यह संदेश गया कि खुद को आम आदमी कहने वाले लोग सरकारी सुविधाओं का दुरुपयोग करने से भी गुरेज नहीं कर रहे हैं। इससे उनकी व्यक्तिगत छवि प्रभावित हुई।
विरोधी सत्तावादी
केजरीवाल की आम आदमी पार्टी लगातार तीन बार दिल्ली की सत्ता में रही, ऐसे में सत्ता विरोधी लहर ने भी आप का खेल बिगाड़ दिया। जनता को बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के सरकार के दावे कई बार झूठे साबित हुए हैं।
आपसी संघर्ष
आम आदमी पार्टी के भीतर चल रही अंदरूनी कलह भी जनता के बीच उसकी छवि को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण रही। विशेषकर स्वाति मालीवाल विवाद से पार्टी को काफी नुकसान हुआ।
भ्रष्ट बयान
चुनावों के दौरान अरविंद केजरीवाल और उनके सहयोगियों द्वारा दिए गए बयान भी कुछ हद तक जनता के मूड में बदलाव का कारण बने। आप नेता भाजपा को गुंडों की पार्टी कहते रहे। केजरीवाल ने बयान दिया कि यमुना का पानी जहरीला है, जो लोगों को पसंद नहीं आया।