जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले ने कई परिवारों को उजाड़ दिया। निर्दोष पर्यटकों को निशाना बनाकर की गई इस कायराना फायरिंग में अब तक 26 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई गंभीर रूप से घायल हैं। इस हमले की वजह से महाराष्ट्र के डोंबिवली इलाके में शोक की लहर है, जहां एक ही परिवार के तीन मौसेरे भाइयों की इलाज के दौरान मौत हो गई।
तीन भाइयों का एक साथ अंत
हेमंत जोशी, संजय लेले और अतुल मोने—ये तीनों डोंबिवली पूर्व-पश्चिम के नवापाड़ा, पांडुरंग वाड़ी और नांदिवली में रहते थे। तीनों मौसेरे भाई अपने परिवारों के साथ कश्मीर की वादियों का आनंद लेने पहलगाम पहुंचे थे। लेकिन एक खूबसूरत छुट्टी आतंकियों की गोलियों की भेंट चढ़ गई।
हमले में तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए थे और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किए गए थे। लेकिन डॉक्टर्स की तमाम कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। इस खबर के बाद डोंबिवली इलाके में मातम पसरा हुआ है, और पूरे शहर ने इन तीनों को श्रद्धांजलि दी है।
2 साल पहले नेवी में भर्ती हुए जवान की भी मौत
इस हमले में एक और दिल तोड़ने वाली खबर हरियाणा के करनाल जिले से सामने आई है। विनय नरवाल, जो करनाल के सेक्टर-7 में रहते थे, इस आतंकी हमले में शहीद हो गए। विनय भारतीय नेवी में 2 साल पहले शामिल हुए थे। वे हाल ही में 16 अप्रैल 2025 को शादी के बंधन में बंधे थे।
सोशल मीडिया पर वायरल एक तस्वीर में विनय की नवविवाहित पत्नी उनके शव के पास बैठकर विलाप करती नजर आ रही हैं। यह तस्वीर उन कई तस्वीरों और वीडियो में से एक है, जो इस हमले के बाद सामने आए हैं और लोगों को झकझोर कर रख दिया है।
बच्चों की चीख-पुकार और माताओं की बेबसी
इस हमले से जुड़े कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें बच्चे अपने माता-पिता के साथ जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते नजर आ रहे हैं। कुछ वीडियो में माताएं अपने बच्चों को गोद में उठाए हुए रोती-बिलखती दिख रही हैं।
हमले के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आतंकी पुलिस की वर्दी में थे, और उन्होंने पर्यटकों को देख कर पहले उनके नाम पूछे और फिर फायरिंग शुरू कर दी।
देश में शोक और गुस्से का माहौल
इस क्रूर हमले के बाद पूरे देश में गम और गुस्से का माहौल है। देशभर के नागरिक, नेता, फिल्मी सितारे और सामाजिक संगठनों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। महाराष्ट्र, हरियाणा, यूपी और बिहार से आए कई पर्यटक इस हमले की चपेट में आए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश यात्रा बीच में छोड़कर भारत लौट चुके हैं और इस हमले पर CCS की आपात बैठक बुलाई गई है। वहीं गृहमंत्री अमित शाह खुद जम्मू-कश्मीर में मौजूद हैं और हालात का जायज़ा ले रहे हैं।
निष्कर्ष
पहलगाम की शांत वादियां अब गोलियों की गूंज और लोगों की चीखों से दहल चुकी हैं। जो लोग अपने परिवारों के साथ कुछ पल सुकून के बिताने वहां गए थे, उनमें से कई अब कभी लौटकर नहीं आएंगे। यह हमला एक बार फिर दिखाता है कि आतंकवाद की आग में केवल सैनिक ही नहीं, मासूम नागरिक भी झुलस रहे हैं।