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रमेश्वरमार में पकड़े गए 80 लाख के समुद्री खीरे, जानें क्यों हैं इतने खास?

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Posted On:Tuesday, April 1, 2025

भारतीय तटरक्षक बल ने तमिलनाडु के रामेश्वरम तट पर एक बड़े अभियान को अंजाम देते हुए लगभग 80 लाख रुपये मूल्य के 'समुद्री खीरे' जब्त किए हैं। यह दुर्लभ जलीय जीव अवैध रूप से विदेशों में तस्करी किया जा रहा था। चीन, हांगकांग, मलेशिया और सिंगापुर जैसे देशों में इसकी काफी मांग है और इसे विशेष रूप से मूल्यवान माना जाता है।

समुद्री खीरा क्या है और इसकी अधिक मांग क्यों है?

समुद्री खीरा एक विशेष प्रकार का समुद्री जीव है जो मुख्य रूप से समुद्र की गहराइयों में पाया जाता है। इसका आकार बेलनाकार होता है और यह एक खीरे जैसा दिखता है, इसलिए इसे 'समुद्री खीरा' कहा जाता है। इसे 'समुद्री ककड़ी' के नाम से भी जाना जाता है। यह जीव समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह समुद्र तल को साफ रखने में सहायता करता है।

समुद्री खीरे की खासियत यह है कि पारंपरिक चीनी और दक्षिण एशियाई चिकित्सा में इसे औषधीय गुणों के लिए उपयोग किया जाता है। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक माना जाता है और गठिया, हृदय रोग, और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार में उपयोग किया जाता है। इसके अलावा, यह एक महंगा समुद्री खाद्य पदार्थ भी है, जिसे दुनिया के कई देशों में लक्जरी डिश के रूप में परोसा जाता है। यही कारण है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकी मांग बहुत अधिक है।

भारत में इसकी तस्करी क्यों की जाती है?

समुद्री खीरे की तस्करी इसलिए की जाती है क्योंकि यह वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित प्रजातियों की सूची में शामिल है। भारत में इसे पकड़ना, बेचना, या निर्यात करना अवैध है। बावजूद इसके, अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी ऊंची कीमत के कारण तस्कर इसे चोरी-छिपे विदेशों में बेच देते हैं।

तमिलनाडु, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के तटीय क्षेत्रों में समुद्री खीरे पाए जाते हैं। तस्कर इन्हें मछुआरों से खरीदते हैं और नावों के माध्यम से श्रीलंका और अन्य एशियाई देशों में पहुंचाते हैं। खासतौर पर रामेश्वरम और तूतीकोरिन के तटीय क्षेत्र इस अवैध व्यापार के लिए कुख्यात हैं।

समुद्री खीरे की चीन में लोकप्रियता

समुद्री खीरा चीन में बेहद महंगा और लोकप्रिय है। पारंपरिक चीनी चिकित्सा (टीसीएम) में इसे अत्यंत लाभकारी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है, हड्डियों और त्वचा के लिए फायदेमंद होता है, और यौन क्षमता बढ़ाने में सहायक होता है।

इसके अलावा, समुद्री खीरा प्रोटीन से भरपूर और वसा में कम होता है, जिससे यह एक हेल्दी सुपरफूड बन जाता है। चीन में महंगे रेस्तरां और विशेष आयोजनों में इसे स्टेटस सिंबल के रूप में परोसा जाता है। साथ ही, इसका उपयोग सौंदर्य प्रसाधनों और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की दवाओं में भी किया जाता है।

इसकी ऊंची कीमत (₹30,000 से ₹50,000 प्रति किलोग्राम) और चीन में सीमित आपूर्ति के कारण इसकी बड़े पैमाने पर तस्करी की जाती है। यही वजह है कि भारत समेत कई अन्य देशों में इसे संरक्षित प्रजाति के रूप में मान्यता दी गई है और इसकी तस्करी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

भारतीय तटरक्षक बल की कार्रवाई

भारतीय तटरक्षक बल को खुफिया जानकारी मिली थी कि समुद्री खीरे को नावों के माध्यम से अवैध रूप से ले जाया जा रहा है। इस सूचना के आधार पर तटरक्षक बल ने रामेश्वरम के पास एक संदिग्ध नाव को रोका। जब उसकी जांच की गई, तो उसमें भारी मात्रा में समुद्री खीरे पाए गए।

जब्त किए गए समुद्री खीरे की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अनुमानित कीमत लगभग 80 लाख रुपये है। फिलहाल, वन्यजीव विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियां मामले की गहन जांच कर रही हैं। अधिकारियों का मानना है कि इस अवैध तस्करी नेटवर्क के बड़े खिलाड़ी कौन हैं, इसका पता लगाने की जरूरत है।

तस्करी पर लगाम लगाने के लिए आवश्यक कदम

सरकार और सुरक्षा एजेंसियां लगातार समुद्री खीरे की तस्करी रोकने के लिए प्रयास कर रही हैं, लेकिन यह व्यापार अभी भी फल-फूल रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस तस्करी पर लगाम लगाने के लिए निम्नलिखित सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है:

  1. कानूनी कार्रवाई में तेजी - समुद्री जीवों की अवैध तस्करी में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।

  2. सख्त गश्त और निगरानी - तटीय इलाकों में अधिक निगरानी और गश्त की जानी चाहिए ताकि तस्करी को रोका जा सके।

  3. स्थानीय मछुआरों को जागरूक बनाना - मछुआरों को समुद्री खीरे की महत्ता और इसके अवैध व्यापार के दुष्परिणामों के बारे में शिक्षित करना जरूरी है।

  4. अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाना - भारत को श्रीलंका, चीन और अन्य देशों के साथ मिलकर इस अवैध व्यापार पर रोक लगाने के लिए रणनीति बनानी चाहिए।

निष्कर्ष

समुद्री खीरे की तस्करी न केवल एक गंभीर अपराध है बल्कि यह समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भी खतरा है। भारतीय तटरक्षक बल द्वारा इस तस्करी को रोकने के लिए किए गए प्रयास सराहनीय हैं, लेकिन इसे पूरी तरह समाप्त करने के लिए और भी कठोर कदम उठाने होंगे। यह आवश्यक है कि हम समुद्री जीवों और पर्यावरण के संरक्षण के लिए मिलकर काम करें और इस अवैध व्यापार को हमेशा के लिए समाप्त करें।


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