मुंबई, 20 मार्च, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में 9 अगस्त 2024 को ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी। घटना के 222 दिन बाद कोलकाता म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन (KMC) ने पीड़ित का डेथ सर्टिफिकेट जारी किया। 19 मार्च को हेल्थ सेक्रेटरी ने इसे पीड़ित के घर जाकर पेरेंट्स को सौंपा। इससे पहले 23 फरवरी को पीड़ित डॉक्टर के परिवार ने आरोप लगाया था कि कोलकाता नगर निगम (KMC) डेथ सर्टिफिकेट जारी नहीं कर रही है। जबकि पानीहाटी नगर पालिका बेटी के दाह संस्कार का सर्टिफिकेट जारी कर चुकी है। माता-पिता ने बताया था कि KMC अधिकारियों ने कहा है कि डेथ सर्टिफिकेट जारी करने की जिम्मेदारी आरजी कर अस्पताल की है। जबकि, अस्पताल प्रबंधन ने कहा है कि सर्टिफिकेट KMC जारी करेगा। उधर, रेप और मर्डर के बाद डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ आंदोलन किया था। राज्य सरकार ने गुरुवार को प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाली डॉ. सुवर्णा गोस्वामी को तबादला नोटिस जारी किया। उन्हें दार्जिलिंग टीबी अस्पताल के सुप्रींटेंडेंट के रूप में अगले आदेश तक कार्य करने का आदेश दिया गया है। के लिए नियुक्त किया गया है।
वहीं, कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस पर 17 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली बेंच ने स्वत: संज्ञान लेते हुए पीड़ित के पेरेंट्स को कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की अनुमति दे दी। परिवार की मांग है कि, इस मामले में CBI ने सही से जांच नहीं की। याचिका में मुख्य आरोपी संजय रॉय के अलावा अन्य आरोपियों के शामिल होने का पता लगाने के लिए आगे की जांच की मांग की गई। पीड़ित के पिता ने कहा, हमने हाईकोर्ट में याचिका दायर करके 54 सवाल पूछे हैं। अदालत को उन सवालों के जवाब देने हैं ताकि मेरी बेटी को न्याय मिले। मेरी बेटी के रेप और मर्डर में कई लोग शामिल हैं। और सबूतों से छेड़छाड़ में कई लोग शामिल हैं। पुलिस ने जांच के लिए डॉग स्क्वॉड को बुलाया था, लेकिन हमें अभी तक इसकी कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट करुणा नंदी ने पीड़ित पक्ष की ओर से बात रखी, जबकि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता CBI की ओर से पेश हुए।