केंद्र सरकार ने आम जनता को राहत देते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र में एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को जीएसटी परिषद (GST Council) की बैठक के बाद घोषणा की कि कैंसर समेत 33 जीवन रक्षक दवाओं को जीएसटी (GST) से पूरी तरह मुक्त कर दिया गया है। पहले इन दवाओं पर 12% तक जीएसटी लगाया जाता था, जिसे अब शून्य कर दिया गया है।
स्वास्थ्य सेवाओं को मिली बड़ी राहत
वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सुलभ और किफायती बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस बदलाव के तहत:
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	33 जीवन रक्षक दवाएं अब 0% टैक्स के दायरे में होंगी। 
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	3 अन्य आवश्यक दवाओं, जिन पर पहले 5% जीएसटी लगता था, उन्हें भी जीरो टैक्स में लाया गया है। 
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	स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर भी जीएसटी पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। 
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	थर्मामीटर, मेडिकल ऑक्सीजन, डायग्नोस्टिक किट, ग्लूकोमीटर, टेस्ट स्ट्रिप्स, चश्मों के लेंस आदि पर जीएसटी दर 12% से घटाकर 5% कर दी गई है। 
यह कदम स्वास्थ्य सेवा की लागत को काफी कम करेगा, खासकर गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों और उनके परिवारों के लिए।
जीरो टैक्स वाली जीवन रक्षक दवाओं की सूची
निम्नलिखित दवाएं अब पूरी तरह टैक्स फ्री होंगी:
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	ओनासेमनोजेन एबेपरवोवेक 
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	एस्किमिनिब 
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	मेपोलिजुमैब 
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	पेगीलेटेड लिपोसोमल इरिनोटेकन 
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	डारातुमुमैब 
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	डारातुमुमैब सबक्यूटेनियस 
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	टेकलिस्टामैब 
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	अमीवंतामैब 
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	एलेक्टिनिब 
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	रिस्डिप्लम 
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	ओबिनुटुज़ुमैब 
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	पोलाटुजुमैब वेदोटिन 
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	एंट्रेक्टिनिब 
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	एटेजोलिजुमैब 
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	स्पेकोलीमैब 
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	वेलाग्लुसेरेज अल्फा 
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	एगलसिडेज अल्फा 
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	रुरीओक्टोकॉग अल्फापेगोल 
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	इडुरसल्फेटेज 
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	एल्ग्लुकोसिडेज अल्फा 
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	लारोनिडेज 
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	ओलिपुडेज अल्फा 
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	टेपोटिनिब 
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	एवेलुमैब 
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	एमिसिजुमैब 
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	बेलुमोसुडिल 
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	मिग्लस्टैट 
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	वेलमैनेज़ अल्फा 
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	एलिरोकुमैब 
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	एवोलोकुमैब 
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	सिस्टेमाइन बिटरेट्रेट 
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	सीआई-इनहिबिटर इंजेक्शन 
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	इंक्लिसिरन 
ये सभी दवाएं गंभीर बीमारियों के इलाज में उपयोग होती हैं, जिनमें कैंसर, दुर्लभ जेनेटिक रोग, इम्यूनो डिसऑर्डर और हृदय संबंधी समस्याएं शामिल हैं।
नई दरें कब से लागू होंगी?
वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि नई जीएसटी दरें 22 सितंबर 2025 से पूरे देश में लागू होंगी। इससे पहले जिन दवाओं पर लोग 12% तक जीएसटी चुका रहे थे, अब उन्हें 0% जीएसटी के तहत खरीदा जा सकेगा।
निष्कर्ष: स्वास्थ्य को प्राथमिकता
भारत सरकार का यह कदम स्पष्ट करता है कि अब नीति निर्धारण में स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। जहां जीवन रक्षक दवाओं को जीएसटी से मुक्त कर दिया गया है, वहीं अन्य स्वास्थ्य उपकरणों पर टैक्स घटाया गया है। इससे न केवल मरीजों की जेब पर बोझ कम होगा, बल्कि भारत में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता दोनों में सुधार आएगा।
यह फैसला देश के स्वास्थ्य ढांचे को किफायती, समावेशी और जनहितैषी बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर है।