मुंबई, 15 जनवरी, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। कांग्रेस लीडर राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि भाजपा और RSS ने देश की सभी संस्थानों पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस न सिर्फ भाजपा और RSS, बल्कि इंडियन स्टेट (भारत सरकार) से भी लड़ाई लड़ रही है। राहुल ने यह बयान दिल्ली में कांग्रेस के नए मुख्यालय के उद्घाटन के मौके पर कही। इस बयान के बाद भाजपा बोली कि राहुल ने तो खुलेआम जंग छेड़ दी। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोशल मीडिया पर लिखा- राहुल गांधी ने स्पष्ट कर दिया है कि वे भारत से लड़ रहे हैं। ये लोग भारत को और कमजोर करना चाहते हैं। जेपी नड्डा ने कहा, कांग्रेस का गंदा सच उनके नेता ने ही उजागर कर दिया है। मैं राहुल गांधी की सराहना करता हूं कि उन्होंने खुद ही यह बात साफ-साफ कह दी जो कि पूरा देश जानता है। वे भारत सरकार से ही लड़ रहे हैं। कांग्रेस का इतिहास रहा है ऐसी ताकतों को बढ़ावा देने का, जो देश को कमजोर करना चाहती हैं। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि कांग्रेस का घिनौना सच अब उनके नेता ने उजागर कर दिया है। मैं राहुल गांधी की सराहना करता हूं कि उन्होंने स्पष्ट रूप से वह कहा जो देश जानता है कि वह भारत से लड़ रहे हैं। यह कोई रहस्य नहीं है कि राहुल और उनके पारिस्थितिकी तंत्र के अर्बन नक्सलियों के साथ घनिष्ठ संबंध हैं। नड्डा ने आगे कहा, कांग्रेस के लोग भारत को बदनाम करना चाहते हैं। कांग्रेस का इतिहास उन सभी ताकतों को प्रोत्साहित करता है, जो कमजोर भारत चाहते हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि मोहन भागवत कह रहे हैं कि 1947 में भारत को सच्ची आजादी नहीं मिली थी। मोहन भागवत का यह बयान हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के साथ-साथ हर एक भारतीय नागरिक का अपमान है। भागवत का कमेंट हमारे संविधान पर हमला है। भागवत हर दो-तीन दिन में अपने बयानों से देश को यह बताते रहते हैं कि वह स्वतंत्रता आंदोलन और संविधान के बारे में क्या सोचते हैं। उन्होंने हाल ही में जो कहा वह देशद्रोह है, क्योंकि उनके बयान का मतलब है कि संविधान का कोई औचित्य नहीं है।
राहुल ने कहा आगे कहा, भागवत के हिसाब से अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की लड़ाई का कोई महत्व ही नहीं है। मोहन भागवत अगर किसी और देश में ऐसे बयान देते तो गिरफ्तार हो जाते। उनके खिलाफ केस भी चलाया जाता। हमारी विचारधारा कल सामने नहीं आई। हमारी विचारधारा हजारों साल पुरानी है। यह हजारों सालों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की विचारधारा से लड़ रही है। हमारे अपने प्रतीक हैं। हमारे पास शिव हैं। हमारे पास गुरुनानक हैं। हमारे पास कबीर हैं। हमारे पास महात्मा गांधी हैं। ये सभी हमें यानी देश को सही रास्ता दिखाते हैं। क्या गुरुनानक संघ की विचारधारा हैं? क्या बुद्ध संघ की विचारधारा हैं? क्या भगवान कृष्ण संघ की विचारधारा हैं? इनमें से कोई नहीं। इनमें से सभी ने लोगों की समानता और भाईचारे के लिए लड़ाई लड़ी।
राहुल ने कहा, 'यह मत सोचिए कि हम निष्पक्ष लड़ाई लड़ रहे हैं। इसमें कोई निष्पक्षता नहीं है। यदि आप मानते हैं कि हम भाजपा या RSS नामक राजनीतिक संगठन से लड़ रहे हैं, तो आप समझ नहीं पा रहे कि क्या चल रहा है। यह दो विचारों के बीच लड़ाई है। एक हमारा विचार है जो संविधान का विचार है। दूसरी तरफ RSS का विचार है जो इसके उलट है। आज सभी जांच एजेंसियों को सिर्फ यही काम दिया गया है कि कैसे विपक्षी नेताओं को घेरा जाए और उन्हें जेल भेजा जा सके। आज चुनाव आयोग को भी खुद को पाक-साफ करने की जरूरत है। चुनाव आयोग को भी महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव का डेटा देना चाहिए, लेकिन चुनाव आयोग इसे नजरअंदाज कर रहा है। राहुल ने कहा कि हमें कैसे भरोसा होगा कि इलेक्टोरल सिस्टम सही है। चुनाव आयोग को साबित करना चाहिए कि चुनाव पारदर्शी तरीके से हो रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।
दरअसल, भागवत ने 13 जनवरी को इंदौर में एक कार्यक्रम में कहा था कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाई जानी चाहिए, क्योंकि अनेक सदियों से दुश्मनों का आक्रमण झेलने वाले देश को सच्ची स्वतंत्रता इस दिन मिली थी।