undefinedन्यूज़ हेल्पलाइन - मुंबई, २९ सितम्बर, २०२१ केला दूसरे फलों की तुलना में बहुत ही सस्ता फल होता है और इसे खाने के फायदे भी कई होते हैं। केले में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं। स्पोर्ट्स एक्टिविटी के दौरान आपने खिलाड़ियों को केला खाते देखा होगा। दरअसल, केला शरीर को तुरंत एनर्जी से भर देता है। इसमें सबसे अधिक पोटेशियम, फोलेट, फाइबर होता है। पेट के लिए केला बहुत ही हेल्दी फल माना गया है। अक्सर लोग केला खरीद कर ले आते हैं, लेकिन जल्दी नहीं खाने से ये रखे-रखे बहुत ज्यादा गल-पक जाते हैं। बहुत अधिक पका हुआ केला खाना भी सेहत के लिए सही नहीं होता है। हम आपको बताते हैं कि किस तरह के केले का सेवन नहीं करना चाहिए -
बहुत अधिक पके हुए केले ना खाएं –
आप मार्केट से साफ-सुथरा पीले रंग का केला लेकर आए, लेकिन कुछ ही दिनों में वे रखे-रखे गल गया और उसके छिलके भी भूरे-काले रंग के नजर आने लगे, तो समझ लें कि यह बहुत ज्यादा पक चुका है। बहुत अधिक पका केला में स्टार्च की मात्रा कम हो जाती है। धीरे-धीरे स्टार्च शुगर में बदल जाता है। अधिक शुगर युक्त केला खाने से डायबिटीज में नुकसान पहुंचा सकता है।
पके केले में फाइबर होता है कम –
जब केला बहुत अधिक गल-पक जाता है, तो उसमें फाइबर की मात्रा भी कम हो जाती है। जो बिल्कुल पीले और कम पके केले होते हैं, उनमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है। पके हुए केले में अन्य पोषक तत्व, विटामिंस भी कम पाए जाते हैं। यदि रक्त में ग्लूकोज का लेवल कम है, तो उसे बढ़ाने के लिए पका हुआ केला खा सकते हैं।
पीले रंग के पर्याप्त पके केले हैं बेस्ट ऑप्शन –
केला खाना है तो ना बहुत कच्चा और ना ही बहुत पका हुआ खाएं। पीले रंग के छिलके वाले टाइट केला बेस्ट होता है। इनमें सभी पोषक तत्व भी मौजूद रहते हैं। खाने में इसका स्वाद भी मीठा और स्वादिष्ट होता है।
हरे छिलके वाले कच्चे केले जरूर खाएं –
ये थोड़े कम पके होते हैं, पर सेहत के लिए इन्हें भी अच्छा माना गया है। इनमें शुगर की मात्रा बहुत अधिक नहीं होती है। जिन लोगों को अपना वजन कम करना है, वे इस तरह के केले का सेवन कर सकते हैं। इसे खाने पर पेट भरा हुआ महसूस होता है। यह पेट के लिए भी हेल्दी होता है। एक्सपर्ट अक्सर कच्चा केला खाने की सलाह देते हैं, क्योंकि ये पेट को साफ करता है, पाचन को दुरुस्त करता है। कब्ज की समस्या दूर होती है। हरे केले का भरता, सब्जी आदि लोग खाते हैं।