मुंबई, 27 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन) क्रिकेट, फुटबॉल या अन्य खेलों को करीब से देखने वाले दर्शकों ने अक्सर कई खिलाड़ियों को मैदान पर च्युइंग गम चबाते हुए देखा होगा। खासकर तनावपूर्ण क्षणों में, भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली जैसे कई एथलीट अक्सर ऐसा करते नजर आते हैं। यह आदत दिखने में भले ही सामान्य लगे, लेकिन इसके पीछे एक खास वैज्ञानिक कारण छिपा है।
विशेषज्ञों के अनुसार, च्युइंग गम चबाना एक लयबद्ध और दोहराई जाने वाली मोटर गतिविधि है। यह गतिविधि हमारे मस्तिष्क (Brain) को यह संकेत देती है कि शरीर तत्काल खतरे में नहीं है, जिससे यह तनाव हार्मोन 'कोर्टिसोल' के स्तर को कम करने में मदद करता है। यह पैरासिम्पेथेटिक तंत्रिका तंत्र को सक्रिय करता है, जो शांत महसूस कराता है। इस तरह, च्युइंग गम हल्के तनाव और चिंता को कम करने का एक शारीरिक माध्यम प्रदान करता है, जिससे खिलाड़ी मैदान पर शांत और सुरक्षित महसूस करते हैं।
एकाग्रता और सतर्कता में सुधार
तनाव कम करने के साथ-साथ, च्युइंग गम एकाग्रता (Focus) और सतर्कता (Alertness) में भी सुधार करता है। शोध से पता चलता है कि चबाने की प्रक्रिया के दौरान मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह (Blood Flow) 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।
यह मस्तिष्क को संवेदी उत्तेजना (Sensory Stimulation) प्रदान करता है।
यह ध्यान केंद्रित करने, प्रतिक्रिया समय (Reaction Time), और कामकाजी याददाश्त (Working Memory) को बेहतर बनाने में मदद करता है।
चबाने की इस दोहराई जाने वाली क्रिया से डोपामाइन जैसे न्यूरोलॉजिकल हार्मोन भी रिलीज होते हैं, जो प्रेरणा (Motivation) और बेहतर महसूस करने में योगदान देते हैं।
सेहत पर असर
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि शुगर-फ्री च्युइंग गम का सेवन सीमित मात्रा (एक स्वस्थ वयस्क के लिए दिन में 2 से 4) में किया जाए तो यह सुरक्षित है।
हालांकि, अत्यधिक मात्रा में च्युइंग गम चबाने से कुछ जोखिम भी हो सकते हैं, जैसे:
- जबड़े में तनाव (Jaw Strain) या TMJ (टेम्पोरोमैंडिबुलर जॉइंट) दर्द।
- हवा निगलने के कारण पेट में सूजन (Bloating)।
- शुगर-फ्री गम में मौजूद स्वीटनर से पाचन संबंधी हल्की परेशानी।
संक्षेप में, जो आदत एक सामान्य सी रस्म लगती है, वह दरअसल खिलाड़ियों को उच्च दबाव वाली स्थितियों में शांत, केंद्रित और सतर्क रहने में मदद करने वाला एक वैज्ञानिक तरीका है।