दिल्ली सरकार ने 1962 के भारत-चीन युद्ध पर आधारित ऐतिहासिक वॉर फ़िल्म '120 बहादुर' को टैक्स फ्री कर दिया है। यह फ़ैसला रेजांगला की लड़ाई में अदम्य साहस दिखाने वाले 13 कुमाऊं रेजिमेंट की चार्ली कंपनी के 120 बहादुर सैनिकों के सम्मान में लिया गया है।
🌟 मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया पर की घोषणा
इस महत्वपूर्ण फ़ैसले की घोषणा स्वयं दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X (ट्विटर) पर एक पोस्ट के ज़रिए की। उन्होंने कहा कि '120 बहादुर' उन 120 सैनिकों की "ज़बरदस्त हिम्मत, लीडरशिप और कुर्बानी" को श्रद्धांजलि देती है, जिन्होंने 1962 के चीन-भारत युद्ध के दौरान रेजांगला की लड़ाई में बहादुरी से लोहा लिया था।
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से मेजर शैतान सिंह भाटी की प्रेरणादायक लीडरशिप को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि मेजर भाटी का कार्य और बलिदान भारत के सैन्य इतिहास में साहस की एक पहचान बने हुए हैं। सैनिकों के इस अतुलनीय बलिदान को सम्मान देने के लिए, दिल्ली सरकार ने 28 नवंबर से इस फ़िल्म को दिल्ली में टैक्स-फ़्री करने का फ़ैसला किया है।
"बहादुर सैनिकों के सम्मान में, दिल्ली सरकार ने 28 नवंबर से दिल्ली में फ़िल्म को टैक्स-फ़्री करने का फ़ैसला किया है।"
फ़रहान अख्तर ने जताया आभार
फ़िल्म के टैक्स फ्री होने की घोषणा पर अभिनेता और निर्माता फ़रहान अख्तर ने भी ख़ुशी जाहिर की। उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा, "दिल्ली में अब '120 बहादुर' टैक्स फ्री हो गई है। दिल्ली की माननीय मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता जी का उनके समर्थन के लिए आभारी हूं। उनके इस समर्थन से साहस की यह कहानी और भी दूर तक पहुंच जाएगी।"
फ़रहान अख्तर का मानना है कि इस सरकारी समर्थन से यह प्रेरणादायक कहानी अधिक से अधिक दर्शकों तक पहुँच पाएगी।
दर्शकों की जेब पर सीधा असर
फ़िल्म को टैक्स फ्री करने के सरकारी फ़ैसले का सीधा असर सिनेमा हॉल में टिकट खरीदने वाले दर्शकों की जेब पर पड़ेगा।
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टैक्स में कमी: टैक्स फ्री होने का मतलब है कि अब फ़िल्म के टिकट पर दर्शकों को पूरा टैक्स नहीं देना होगा।
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सस्ती टिकट: उदाहरण के लिए, यदि किसी टिकट की मूल कीमत 100 रुपये है, और उस पर 5% GST लगता था, तो पहले वह 105 रुपये की मिलती थी। टैक्स फ्री होने के बाद, यह मानकर कि टैक्स में 50% की छूट दी गई है (टैक्स का आधा हिस्सा माफ), दर्शकों को लगभग 103 रुपये देने होंगे।
यानी, यह स्पष्ट है कि दिल्ली सरकार के इस फ़ैसले से दर्शकों को टिकट खरीदने के लिए कम पैसे देने होंगे, जिससे लोगों को यह ऐतिहासिक फ़िल्म देखने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। यह कदम जहाँ सैनिकों को सम्मान देता है, वहीं देशभक्ति की इस कहानी को आम जनता के लिए और अधिक सुलभ बनाता है।