वॉशिंगटन। अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से चले आ रहे ट्रेड वॉर में एक बार फिर नया मोड़ आ गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर बड़ा हमला बोलते हुए चीनी वस्तुओं पर टैरिफ बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया है। उन्होंने यह कदम चीन पर ‘विश्व बाजारों के प्रति सम्मान की कमी’ का आरोप लगाते हुए उठाया और इसे तत्काल प्रभाव से लागू करने की घोषणा की है। वहीं दूसरी ओर, अमेरिका ने 75 से अधिक देशों को टैरिफ में अस्थायी राहत देते हुए 90 दिनों की छूट दी है।
ट्रंप का बड़ा ऐलान
बुधवार, 9 अप्रैल 2025 को डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर पोस्ट करते हुए कहा, “चीन ने वैश्विक बाजारों का सम्मान नहीं किया है। इसी वजह से अमेरिका चीन पर पहले से लगे 104 प्रतिशत टैरिफ को बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर रहा है। यह निर्णय तत्काल प्रभाव से लागू होगा।” ट्रंप ने आगे लिखा, “मुझे उम्मीद है कि चीन जल्द ही समझेगा कि अमेरिका और अन्य देशों का दोहन अब स्वीकार्य नहीं है।”
बाकी देशों को राहत
जहां एक ओर ट्रंप ने चीन के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है, वहीं दूसरी ओर उन्होंने बाकी 75 देशों को 90 दिनों की टैरिफ छूट दी है। ट्रंप ने बताया कि इन देशों ने अमेरिका के वाणिज्य विभाग, ट्रेजरी और यूएसटीआर के साथ रचनात्मक बातचीत शुरू की है और अमेरिका के खिलाफ किसी भी प्रकार की जवाबी कार्रवाई नहीं की है। इस सहयोग के मद्देनजर इन देशों पर केवल 10 प्रतिशत का रेसिप्रोकल टैरिफ लागू होगा।
मैक्सिको और कनाडा भी शामिल
अमेरिका के ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने पुष्टि की कि मैक्सिको और कनाडा को भी इस नई नीति के तहत राहत मिली है। उन्होंने कहा, “यह 90 दिनों की छूट अमेरिका को अपने वैश्विक साझेदारों के साथ बेहतर व्यापारिक समझौते करने का मौका देगी।” इसके अलावा, यह भी स्पष्ट किया गया कि अमेरिका इस दौरान सहयोग कर रहे देशों के साथ व्यापार नियमों और शुल्क नीतियों की समीक्षा करेगा।
अमेरिकी बाजार में उछाल
डोनाल्ड ट्रंप के इस ऐलान का प्रभाव अमेरिकी वित्तीय बाजार पर भी स्पष्ट रूप से देखा गया। ट्रंप की पोस्ट के कुछ ही देर बाद अमेरिकी स्टॉक मार्केट में भारी तेजी दर्ज की गई। डाउ जोन्स इंडेक्स 6.98 फीसदी बढ़कर 40,271 पर पहुँच गया, जबकि एसएंडपी 500 सूचकांक 7.90 फीसदी की छलांग के साथ 5,373 पर ट्रेड करता दिखा। नैस्डेक इंडेक्स भी 9.88 फीसदी उछलकर 16,820 के स्तर पर पहुँच गया।
निष्कर्ष
अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनातनी एक बार फिर अपने चरम पर पहुँच गई है। ट्रंप की सख्त नीति चीन के लिए चिंता का विषय बन सकती है, जबकि अन्य देशों के लिए यह राहत की खबर है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि चीन इस कदम का क्या जवाब देता है और वैश्विक व्यापार की दिशा किस ओर जाती है।