सिंगापुर का पासपोर्ट दुनिया का सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट है, और 2025 तक अफगानिस्तान का पासपोर्ट सबसे कमजोर पासपोर्ट होगा। भारत का पासपोर्ट 80वें स्थान पर है, जो अल्जीरिया, इक्वेटोरियल गिनी और ताजिकिस्तान के साथ स्थान साझा करता है। हेनले एंड पार्टनर्स ने विश्व भर के गंतव्यों के आधार पर पासपोर्ट रैंकिंग पर एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें 199 पासपोर्टों की रैंकिंग की गई।
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स उन पासपोर्टों को भी रैंक करता है जो बिना वीज़ा के प्रवेश प्रदान करते हैं। हेन्ले ने अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) के डेटा का उपयोग किया। सिंगापुर के पासपोर्ट से 227 देशों में से 193 देशों में वीजा-मुक्त प्रवेश की अनुमति है, जबकि जापान और दक्षिण कोरिया के पासपोर्ट से 10 देशों में बिना वीजा के प्रवेश की अनुमति है।
इस सूची में सात देश तीसरे स्थान पर हैं, जो हैं डेनमार्क, फाइनल, फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, इटली और स्पेन। इन देशों के पासपोर्ट से 189 देशों में बिना वीज़ा के प्रवेश की सुविधा मिलती है। अफगानिस्तान इस सूची में सबसे निचले स्थान पर 99वें स्थान पर है जबकि सीरिया 98वें स्थान पर है। इराक 30 देशों के साथ 97वें स्थान पर है, जबकि पाकिस्तान 96वें स्थान पर है।
अमेरिका का पासपोर्ट 9वें स्थान पर है। पिछले दो वर्षों से दो देश इस सूची में शीर्ष पर थे, लेकिन इस वर्ष सिंगापुर और जापान उनसे आगे निकल गये। कोविड के बाद जापान को चीन में वीज़ा-मुक्त प्रवेश मिल गया है।
यूएई एकमात्र अरब राष्ट्र बन गया है जिसने बहुत ही कम समय में अपनी स्थिति मजबूत की है और अपनी रैंकिंग में सुधार किया है।