मुंबई, 25 नवंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। लेबनान का लड़ाकू गुट हिजबुल्लाह इजराइल के खिलाफ एडवांस मिसाइल अलमास का इस्तेमाल कर रहा है। खास बात यह है कि हिजबुल्लाह ने यह मिसाइल इजराइल की एंटी टैंक मिसाइल स्पाइक की रिवर्स इंजीनियरिंग करके तैयार की है। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, हिजबुल्लाह ने 2006 में इजराइल की स्पाइक मिसाइल जब्त कर रिवर्स इंजीनियरिंग के लिए ईरान भेजा था। ईरान ने इन मिसाइलों की रिवर्स इंजीनियरिंग कर अलमास मिसाइल तैयार कर हिजबुल्लाह को सौंप दी। अब 18 साल बाद हिजबुल्लाह नए सिरे से बनी इन मिसाइलों से इजराइल के सैनिक ठिकानों, कम्यूनिकेशन सिस्टम और एयर डिफेंस लॉन्चर्स को निशाना बना रहा है। इजराइल के अनुसार, अलमास मिसाइल 15 किलोमीटर तक किसी भी टारगेट पर सटीक निशाना साध सकती है। ईरान पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए अब हिजबुल्लाह ने लेबनान में ही अलमास मिसाइल का प्रोडक्शन शुरू कर दिया है।
तो वहीं, लेबनान में दो माह पहले लड़ाई शुरू होने के बाद इजराइली सेना ने हिजबुल्लाह के हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद किया है। इनमें अलमास मिसाइल भी हैं। बरामद हथियारों में रूसी कोरनेट एंटीटैंक मिसाइल भी शामिल हैं। वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक, दक्षिण लेबनान में इजराइली सेना को बड़ी मात्रा में रूसी हथियार मिले हैं। अरबी और फारसी भाषा में अलमास का मतलब हीरा होता है। इस गाइडेड मिसाइल को वाहनों, ड्रोन, हेलीकॉप्टर और कंधे पर रखकर फायर कर सकते हैं। यह साइड से लगने की बजाय अपने निशाने के ठीक ऊपर गिरती है। इजराइली अधिकारियों के मुताबिक, अलमास से लेबनान की सीमा के पास इजराइली सेना और टैंक जैसे लड़ाकू वाहनों के लिए खतरा पैदा किया है। अलमास के तीन वर्जन हैं। हिजबुल्लाह नई पीढ़ी के चौथे वर्जन का इस्तेमाल कर रहा है।