मुंबई, 24 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर से मुलाकात के दौरान कट्टरपंथ और लोकतांत्रिक मूल्यों के दुरुपयोग को लेकर चिंता जताई और ऐसे तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की अपील की। उन्होंने कहा कि जो लोग लोकतंत्र को कमजोर करने के लिए आजादी की आड़ में उसकी मूल भावना को चोट पहुंचाते हैं, उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब ब्रिटेन में खालिस्तान समर्थक गतिविधियां बढ़ रही हैं और उनके असर को लेकर भारत की चिंता बढ़ी है। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी ब्रिटेन सरकार का आतंकी घटनाओं की निंदा करने के लिए आभार जताया। उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले की ब्रिटिश प्रधानमंत्री और उनकी सरकार द्वारा की गई निंदा के लिए भारत उनका आभारी है। मोदी ने इस बात पर भी जोर दिया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कोई दोहरा रवैया नहीं होना चाहिए और साथ ही ब्रिटेन से भारत से फरार आर्थिक अपराधियों को वापस भेजने में सहयोग की अपील की।
भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर भी ऐतिहासिक समझौता हुआ, जिस पर दोनों प्रधानमंत्रियों की उपस्थिति में लंदन में हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता तीन साल की बातचीत के बाद संभव हो पाया है। दोनों नेताओं ने इस मौके पर संयुक्त प्रेस वार्ता की और समझौते को ऐतिहासिक और द्विपक्षीय रिश्तों को नई दिशा देने वाला करार दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट क्रिकेट सीरीज का भी जिक्र किया और कहा कि यूके में बसे भारतीय मूल के लोग दोनों देशों के संबंधों में जीवित सेतु की तरह काम करते हैं। मोदी ने कीर स्टार्मर को भारत आने का निमंत्रण भी दिया। इस बैठक के दौरान भारत और ब्रिटेन ने साझा रूप से ‘इंडिया-UK विजन 2035’ पर सहमति जताई, जिसके तहत अगले दस वर्षों तक आर्थिक, तकनीकी, रक्षा, जलवायु परिवर्तन, शिक्षा और जनसंपर्क जैसे क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाया जाएगा। दोनों देशों की रक्षा कंपनियों के बीच मिलकर काम करने और इस दिशा में एक स्पष्ट रोडमैप तैयार करने पर सहमति बनी है। साथ ही भारत की CBI और ब्रिटेन की नेशनल क्राइम एजेंसी के बीच अपराध और जांच में सहयोग बढ़ाने के लिए एक समझौता किया गया है।
ब्रेक्जिट के बाद यह समझौता ब्रिटेन का सबसे बड़ा व्यापार समझौता माना जा रहा है। इससे पहले उसका सबसे बड़ा समझौता ऑस्ट्रेलिया के साथ 2020 में हुआ था। भारत के साथ हुए इस समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापार में 34 बिलियन डॉलर की वृद्धि होने की उम्मीद है। इस समझौते के तहत भारत से ब्रिटेन को होने वाले 99 प्रतिशत निर्यात पर आयात शुल्क या तो समाप्त हो जाएगा या बहुत कम हो जाएगा, जिससे भारतीय निर्यातकों को बड़ी राहत मिलेगी। वहीं ब्रिटिश कंपनियों के लिए भी यह डील फायदेमंद साबित होगी, क्योंकि अब वे भारत में व्हिस्की, कार जैसे उत्पादों को कम टैक्स पर आसानी से बेच सकेंगी। भारत इन उत्पादों पर टैरिफ को घटाकर 15 प्रतिशत से 3 प्रतिशत तक ले आएगा। यह व्यापार समझौता सालाना लगभग तीन लाख करोड़ रुपए के व्यापार को बढ़ावा देने की क्षमता रखता है।