ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होली से करीब 8 दिन पहले होलाष्टक शुरू हो जाता है। आपको बता दें कि इन 8 दिनों के दौरान सभी शुभ कार्य वर्जित होते हैं। यानि ये 8 दिन शुभ कार्यों के लिए अच्छे नहीं माने जाते हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार होलाष्टक 17 फरवरी से शुरू हो रहा है और होलिका दहन के दिन समाप्त होगा. आपको बता दें कि इस बार होली पर चार अद्भुत संयोग बनने जा रहे हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार होली का त्योहार हर वर्ष फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।
सनातन धर्म में इस पर्व को बहुत खास माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस त्योहार में लोग अपने मतभेद भुलाकर एक-दूसरे को प्यार से गले लगाते हैं। साथ ही आपके मन से नकारात्मक ऊर्जा भी दूर हो जाती है। कैलेंडर के अनुसार साल 2024 में होलिका दहन 24 मार्च को है और रंगो होली अगले दिन यानी 25 मार्च को है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार होली के दिन चंद्र ग्रहण भी लगेगा। लेकिन आपको बता दें कि यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इस बार होली के दिन कई शुभ और अद्भुत संयोग बनने जा रहे हैं। तो आज इस खबर में हम जानेंगे कि इस साल होली कब है और होली के दिन क्या अद्भुत संयोग बनेगा।
होलिका दहन पर 4 अद्भुत संयोग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस बार होलिका दहन में सर्वार्थ सिद्धि योग, गठ योग, रवि योग और बुध आदित्य योग रहने वाला है। इन 4 शुभ योग में किया जाएगा होलिका दहन. आपको बता दें कि इस दिन इन चार योगों में होलिका दहन करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। मन से सभी नकारात्मक विचार दूर हो जाते हैं।
होली पर 4 शुभ और अद्भुत संयोग
वैदिक पंचांग के अनुसार इस बार होली पर चार अद्भुत संयोग बन रहे हैं जो इस प्रकार हैं- वृद्धि योग, बुधादित्य योग, वासी योग और सुनफ योग। ऐसा माना जाता है कि जब भी होली पर ऐसे अद्भुत और शुभ योग बनते हैं तो सभी को शुभ फल मिलता है।
होलिका दहन पर भद्रा का साया रहेगा
पंचांग के अनुसार फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 9:53 बजे शुरू होगी और 25 मार्च को दोपहर 12:30 बजे समाप्त होगी. आपको बता दें कि 24 मार्च को सुबह 11:14 बजे से 11:13 बजे तक भद्रा का साया रहेगा. तभी होलिका दहन किया जाएगा। होलिका दहन का शुभ समय रात 11:14 बजे से 12:27 बजे तक है.