अगर हस्तरेखाओं को ध्यान से पढ़ा जाए तो बहुत कुछ पता चल सकता है। रेखाओं में अंगूठे पर विशेष प्रकार के निशान भी बने होते हैं। इन्हीं में से एक है यव राशि। कहा जाता है कि पहले पर्व की संधि पर अंगूठे में यव का निशान मिलता है और अगर ऐसा होता है तो यह बहुत अच्छा माना जाता है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि अंगूठे में यव का निशान जितना छोटा या बड़ा होता है उसका फल भी उसी के अनुसार मिलता है। यव का निशान व्यक्ति की सफलता को दर्शाता है। ऐसे लोग मेहनती होते हैं और ऐसे लोगों को संतान सुख प्राप्त होता है।
वहीं अगर अंगूठे में जम्हाई का निशान बहुत छोटा है तो इसके परिणाम भी कम होंगे। इसके अलावा यदि यव का निशान टूटा हो तो उसका फल नहीं मिलेगा। वहीं हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार हथेली से मिलने वाले तीसरे पर्व यानी अंगूठे के आधार पर यदि माला दिख जाए तो यह भी एक शुभ संकेत माना जाता है। कहा जाता है कि यव माला की संख्या तीन हो तो यह एक प्रकार का राजयोग होता है और बहुत धनवान होता है। वहीं यदि यव माला पूरे अंगूठे को घेरे हुए हो तो ऐसे जातक का जीवन राजा के समान अत्यंत समृद्ध होता है। ऐसे लोग जीवन में उच्च पद और प्रतिष्ठा प्राप्त करते हैं। इसके अलावा हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार भी माला व्यक्ति को धनवान और मेहनती बनाती है।
यदि अंगूठे के दूसरे पर्व में तीन खड़ी रेखाएं दिखाई दें तो ऐसे व्यक्ति को भवन निर्माण का सुख प्राप्त होता है, हालांकि दूसरे पर्व पर यदि बहुत अधिक खड़ी रेखाएं हों तो ऐसे लोगों में दूसरों को समझने की अद्भुत क्षमता होती है। . क्षमता है। वहीं हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार यदि अंगूठे पर किसी नक्षत्र का चिन्ह दिखाई दे रहा हो तो ऐसे लोगों को व्यापार में सफलता मिलती है, लेकिन ऐसे लोग स्वार्थी होते हैं।