सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें दो महिलाएं बहस करती हुई दिखाई दे रही हैं, जबकि उनके बीच एक कंगारू भी खड़ा है। इस वीडियो के साथ कई यूजर्स ने दावा किया है कि एयरलाइन स्टाफ इस कंगारू को फ्लाइट में चढ़ने की अनुमति नहीं दे रहा है। उन्होंने बताया कि कंगारू बोर्डिंग पास पकड़े हुए है और फ्लाइट में चढ़ने के लिए इंतजार कर रहा है, जो देखने में बहुत ही प्यारा और मजेदार लग रहा है। इस वायरल वीडियो को लेकर काफी लोग उत्साहित होकर इसे शेयर कर रहे हैं, लेकिन जांच करने पर पता चला है कि यह दावा पूरी तरह गलत और भ्रामक है।
वायरल वीडियो का सच — AI जनरेटेड
पीटीआई फैक्ट चेक की टीम ने इस वीडियो की गहन जांच की, तो यह सामने आया कि यह वीडियो किसी असली घटना का हिस्सा नहीं है, बल्कि यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की मदद से बनाया गया है। यानी यह वीडियो डिजिटल तकनीक से तैयार एक फर्जी वीडियो है, जिसे वास्तविकता जैसा दिखाने के लिए बनाया गया है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में भी इस वायरल वीडियो की जांच की गई, जिसमें बताया गया कि इंटरनेट पर वायरल हो रहा यह कंगारू फ्लाइट में चढ़ने के लिए बोर्डिंग पास पकड़े प्रतीत होता है, लेकिन यह पूरी तरह से AI से जनरेट किया गया वीडियो है।
वीडियो की जांच कैसे हुई?
पीटीआई फैक्ट चेक डेस्क ने इस वीडियो के की-फ्रेम्स को लेकर रिवर्स इमेज सर्च किया। उन्हें इस वीडियो का एक मूल स्रोत Infiniteunreality नाम के इंस्टाग्राम अकाउंट पर मिला, जो इस वीडियो को 26 मई 2025 को पोस्ट किया गया था। इस अकाउंट की जांच पर पता चला कि इस पेज पर जानवरों से जुड़े कई और AI जनरेटेड वीडियो भी उपलब्ध हैं।
इसके अलावा, वायरल वीडियो की सत्यता जांचने के लिए ‘Hive Moderation’ नामक एक AI जांच टूल का उपयोग किया गया। इस टूल ने बताया कि वीडियो लगभग 98% तक AI-जनित है। इसी तरह, एक और AI डिटेक्शन टूल ‘wasitai’ ने भी इस वीडियो को AI निर्मित बताया।
क्या था वायरल दावा?
इस वीडियो के साथ यूजर्स ने दावा किया कि एयरलाइन स्टाफ इस प्यारे कंगारू को हवाई जहाज में चढ़ने की अनुमति नहीं दे रहा है। वीडियो में कंगारू बोर्डिंग पास पकड़े खड़ा है और पास में दो महिलाएं उससे बहस कर रही हैं। यह नजारा बेहद असामान्य और मनोरंजक लग रहा था, इसी वजह से यह तेजी से वायरल हो गया।
असलियत क्या है?
सत्य यह है कि ऐसा कोई कंगारू एयरलाइन फ्लाइट में बोर्डिंग पास लेकर खड़ा नहीं हुआ है। वीडियो पूरी तरह से डिजिटल तकनीक और AI की मदद से बनाया गया है। सोशल मीडिया पर इसे गलत दावे के साथ फैलाया जा रहा है ताकि ज्यादा लोग इसे देखें और शेयर करें।
सोशल मीडिया पर भ्रामक जानकारी क्यों फैलती है?
आजकल AI और डिजिटल इमेजिंग तकनीक इतनी उन्नत हो गई है कि असली और नकली के बीच फर्क करना मुश्किल हो गया है। कई बार मनोरंजन के लिए या ध्यान आकर्षित करने के लिए फेक वीडियो बनाए और शेयर किए जाते हैं। ऐसे वीडियो वायरल होने पर लोग बिना जांच के ही उन्हें सच मान लेते हैं और सोशल मीडिया पर फैलाते हैं। इससे गलतफहमियां बढ़ती हैं और लोगों का विश्वास डिजिटल कंटेंट पर कम होने लगता है।
कैसे बचें भ्रामक वीडियो से?
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किसी भी वायरल वीडियो या तस्वीर को बिना जांचे शेयर न करें।
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भरोसेमंद फैक्ट-चेकिंग वेबसाइट या संस्थान से वीडियो की सत्यता जरूर जांचें।
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जब किसी वीडियो में असामान्य या अविश्वसनीय दृश्य दिखे, तो इसे तुरंत सच मानने से बचें।
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AI जनित कंटेंट के बारे में जागरूकता बढ़ाएं और दूसरों को भी इसके बारे में बताएं।
निष्कर्ष
यह वायरल वीडियो सिर्फ एक मनोरंजक AI जनरेटेड वीडियो है, जिसमें किसी असली घटना को दिखाया नहीं गया है। एयरलाइन स्टाफ ने कभी किसी कंगारू को फ्लाइट में चढ़ने से रोका नहीं है। पीटीआई फैक्ट चेक की जांच में स्पष्ट हो गया है कि इस वीडियो के साथ किया गया दावा गलत और भ्रामक है।
इस प्रकार की भ्रामक जानकारी से बचने के लिए हमें सोशल मीडिया पर सचेत रहना होगा और बिना जांच-परख के वायरल कंटेंट पर भरोसा नहीं करना चाहिए। डिजिटल युग में सतर्कता ही सबसे बड़ी जरूरत है।