भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में बनी हुई है। हाल ही में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत की वास्तविक GDP ग्रोथ 6.5 प्रतिशत दर्ज की गई है, जो आर्थिक स्थिरता और विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च 2025) में भारतीय अर्थव्यवस्था ने 7.4 प्रतिशत की तेज वृद्धि हासिल की।
यह आंकड़े उस समय आए हैं जब भारत को दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में बढ़ते देखा जा रहा है। वर्तमान वैश्विक परिप्रेक्ष्य में यह उपलब्धि भारत की आर्थिक नीतियों, निवेश माहौल और घरेलू खपत की मजबूती को दर्शाती है।
वित्त मंत्रालय और RBI के अनुमानों की पुष्टि
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पहले ही FY 2024-25 के लिए 6.5% की GDP ग्रोथ का अनुमान लगाया था। यह अनुमान अब वास्तविकता बन गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार और RBI की नीतियां दिशा में थीं। इसी तरह, वित्त मंत्रालय ने भी मार्च 2025 की मासिक रिपोर्ट में कहा था कि भारत वैश्विक चुनौतियों के बावजूद यह विकास दर हासिल करने में सक्षम रहेगा।
रिपोर्ट में कहा गया था कि आपूर्ति पक्ष से कृषि और सेवा क्षेत्र का मजबूत प्रदर्शन और मांग पक्ष से उपभोग और निर्यात में निरंतर वृद्धि ने देश की GDP को स्थायित्व प्रदान किया है।
तिमाही दर तिमाही प्रदर्शन
पूरा वित्तीय वर्ष देखने पर, देश की अर्थव्यवस्था ने चारों तिमाहियों में संतुलित विकास दिखाया:
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि भारतीय इकोनॉमी ने वर्ष के अंत तक अपनी गति को और तेज किया है।
वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में कहा कि भारत अगले 30 वर्षों तक दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्यवस्था बना रहेगा। उन्होंने CII के वार्षिक सम्मेलन में यह भी कहा कि देश ने 6-7 प्रतिशत की स्थिर वृद्धि दर बनाए रखी है और इसे आने वाले वर्षों में 8 प्रतिशत तक ले जाने का लक्ष्य रखा गया है।
गंभीर वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं जैसे युद्ध, मंदी की आशंका और सप्लाई चेन बाधाओं के बावजूद, भारत ने निरंतर विकास बनाए रखा है। इसका श्रेय मजबूत आर्थिक नीतियों, डिजिटल प्रगति, बुनियादी ढांचे में निवेश और स्टार्टअप संस्कृति को दिया जा सकता है।
पिछली वर्षों की तुलना
अगर पिछली वर्षों के आंकड़ों से तुलना करें, तो 2023-24 में भारत की GDP में 9.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी, जबकि 2022-23 में यह 7.2 प्रतिशत और 2021-22 में 8.7 प्रतिशत थी। स्पष्ट है कि पिछले तीन वर्षों में भारत की औसत ग्रोथ दर वैश्विक औसत से कहीं अधिक रही है।
निष्कर्ष
भारत अब न केवल जनसंख्या में, बल्कि अर्थव्यवस्था में भी वैश्विक महाशक्ति बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। 6.5% की GDP वृद्धि यह साबित करती है कि भारत में घरेलू मांग, सेवा और उत्पादन क्षेत्र, निवेश तथा निर्यात – सभी क्षेत्रों में मजबूती है।
इस विकास का लाभ देश के हर नागरिक तक पहुँचे, इसके लिए अब ज़रूरत है समावेशी और सतत विकास रणनीतियों की। यदि भारत इसी दिशा में चलता रहा, तो जल्द ही यह जापान और जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरी सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था भी बन सकता है।