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गेम चेंजर UPI: ज्यादा जोखिम वाले लोगों के लिए भी लोन, समय पर भुगतान, डिफॉल्ट रेट नहीं बढ़ी

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Posted On:Wednesday, December 11, 2024

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) ने न केवल देश की भुगतान प्रणाली को बदल दिया है, बल्कि आम जनता और कंपनियों के लिए भी फायदे का सौदा साबित हुआ है। एक हालिया शोध रिपोर्ट से पता चला है कि कैसे यूपीआई गेम चेंजर की भूमिका निभा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बहुत कम समय में यूपीआई ने पूरे भारत में डिजिटल भुगतान की पहुंच तेजी से बढ़ा दी है और इसका इस्तेमाल रेहड़ी-पटरी वालों से लेकर बड़े शॉपिंग मॉल तक सभी स्तरों पर किया जा रहा है।

इतने सारे लोगों तक पहुंच रहा हूं
साल 2016 में अपनी शुरुआत के बाद से ही यूपीआई का दायरा हर दिन बढ़ता जा रहा है। आज 30 करोड़ लोग और 5 करोड़ व्यापारी निर्बाध डिजिटल लेनदेन में सक्षम हो गए हैं। खास बात यह है कि यूपीआई ने ऐसे लोगों के लिए भी लोन के दरवाजे खोल दिए हैं, जो कम क्रेडिट स्कोर के कारण हाई रिस्क कैटेगरी में आते हैं। रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, जिन क्षेत्रों में यूपीआई का इस्तेमाल सबसे ज्यादा हो रहा है, वहां नए कर्जदारों को दिए जाने वाले लोन में 4% और सबप्राइम यानी हाई रिस्क कैटेगरी वाले लोन में 8% की बढ़ोतरी हुई है।

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (ISB) के प्रोफेसरों द्वारा तैयार की गई इस रिपोर्ट के मुताबिक, UPI के बढ़ते इस्तेमाल से फिनटेक कंपनियों को सबसे ज्यादा फायदा हुआ है। उन्होंने ऋण का आकार उसकी मात्रा में कम से कम 77 गुना बढ़ा दिया है। यह आंकड़ा पारंपरिक बैंकों की तुलना में बहुत अधिक है। खास बात यह है कि यूपीआई लोन तो बढ़े हैं, लेकिन डिफॉल्ट की संख्या नहीं बढ़ी है।

ऋण उपलब्धता में वृद्धि
रिपोर्ट से पता चलता है कि यूपीआई के जरिए लिया गया लोन समय पर चुकाया जा रहा है। आसान भुगतान प्रणाली के कारण कर्जदार समय पर कर्ज चुका रहे हैं, जिससे डिफॉल्ट दर में बढ़ोतरी नहीं हुई है। शोध टीम ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि यूपीआई को अपनाने से ऋण वृद्धि में कैसे मदद मिली। उन्होंने कहा कि यूपीआई लेनदेन में 10% की वृद्धि से ऋण उपलब्धता में 7% की वृद्धि हुई है, जो दर्शाता है कि कैसे डिजिटल वित्त प्रणाली उधारकर्ताओं से लेकर ऋणदाताओं तक सभी के लिए जीवन को आसान बना रही है।

भारत इस मामले में अग्रणी है
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत यूपीआई के मामले में अग्रणी बनकर उभरा है और अन्य देशों को प्रौद्योगिकी अपनाने में मदद कर सकता है। बता दें कि UPI को भारत में 2016 में पेश किया गया था, आज इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। छोटी दुकानों से लेकर बड़े स्टोर तक, सभी UPI भुगतान स्वीकार कर रहे हैं।


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