उत्तर प्रदेश के कानपुर और उन्नाव जिलों के बीच कनेक्टिविटी को क्रांति देने वाली बहुप्रतीक्षित Y-आकार पुल परियोजना को आखिरकार वित्तीय स्वीकृति मिल गई है। वित्त एवं व्यय समिति ने इस महत्वपूर्ण परियोजना के लिए ₹730 करोड़ रुपये के बजट को मंज़ूरी दे दी है। यह पहली बार है जब इस परियोजना को आधिकारिक रूप से वित्तीय स्वीकृति मिली है, जिससे यह लगभग दस साल बाद फाइलों से बाहर निकलकर हकीकत बनने की राह पर अग्रसर हुई है।
2015 से लंबित परियोजना को मिली गति
यह परियोजना 2015 से फाइलों में अटकी हुई थी। यूपीसीडा (UPSIDA) ने अप्रैल 2024 में ₹799 करोड़ रुपये का संशोधित बजट प्रस्ताव भेजा था, जिसे जून में वित्त व्यय समिति ने कुछ आपत्तियों के साथ वापस कर दिया था। अब सभी आपत्तियों का समाधान करने के बाद, परियोजना को ₹730 करोड़ रुपये की अंतिम वित्तीय मंजूरी मिल गई है, जिससे इसके निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।
4 किलोमीटर लंबा होगा पुल
सेतु निगम के अनुसार, प्रस्तावित पुल लगभग चार किलोमीटर लंबा होगा, जिसमें से 1,825 मीटर हिस्सा सीधे गंगा नदी के ऊपर बनाया जाएगा।
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शुरुआत: पुल की शुरुआत रानीघाट जलकल पंपिंग स्टेशन के पास से होगी।
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समापन: यह पुल धोबीघाट तक पहुंचेगा।
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Y-आकार: पुल ट्रांसगंगा सिटी के गेट नंबर-2 से करीब 400 मीटर पहले दोनों ओर से आने वाले पुलों के साथ मिलकर एक फोरलेन मार्ग बन जाएगा, जिससे इसका नाम 'Y-आकार' पुल पड़ा है।
यह पुल बनने से कानपुर की वीआईपी रोड सीधे उन्नाव स्थित ट्रांसगंगा सिटी से जुड़ जाएगी। इससे वर्तमान में गंगा पार करने के लिए लगने वाला लंबा चक्कर खत्म होगा और भारी वाहनों का दबाव भी कम होगा।
33 सरकारी आवासों का होगा पुनर्निर्माण
पुल निर्माण के रास्ते में आ रहे पंपिंग स्टेशन के पास बने 33 सरकारी आवासों को निष्प्रयोज्य घोषित कर दिया गया है। इन आवासों के बदले पैरा घाट के पास नए आवास बनाए जाएंगे, जिन पर लगभग ₹13 करोड़ रुपये खर्च होंगे। अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही नए आवासों के निर्माण की स्वीकृति मिलेगी, पुराने भवनों को हटाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा, ताकि पुल निर्माण में कोई बाधा न आए।
औद्योगिक विकास को मिलेगी रफ्तार
ट्रांसगंगा सिटी में औद्योगिक संभावनाएँ तेजी से बढ़ रही हैं, जिसे देखते हुए यह पुल बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पुल बनने के बाद:
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कानपुर और उन्नाव के बीच कनेक्टिविटी में बड़ा सुधार होगा।
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यातायात का दबाव कम होगा।
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लखनऊ जाना भी अधिक आसान हो जाएगा, जिससे क्षेत्र के औद्योगिक विकास को नई गति मिलेगी।
सेतु निगम के अधिकारियों ने बताया कि शासनादेश मिलते ही टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। एक दशक से प्रतीक्षित यह परियोजना अब हकीकत के करीब दिखाई दे रही है, जिससे कानपुर और उन्नाव के निवासियों और उद्योगपतियों में उत्साह बढ़ गया है।