भारतीय क्रिकेट टीम के चयनकर्ताओं द्वारा साउथ अफ्रीका के खिलाफ आगामी टी20 सीरीज के लिए नज़रअंदाज़ किए जाने के बाद, विस्फोटक बल्लेबाज रिंकू सिंह ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (SMAT) में अपने बल्ले का दम दिखाया है। ग्रुप बी के मुकाबले में चंडीगढ़ के खिलाफ खेलते हुए, रिंकू सिंह ने एक छोटी लेकिन बेहद ताबड़तोड़ पारी खेली, जिसकी बदौलत उत्तर प्रदेश (यूपी) की टीम विशाल स्कोर 212 रनों तक पहुंच सकी।
10 गेंदों में 240 का स्ट्राइक रेट
रिंकू सिंह की पारी की विशेषता उसका स्ट्राइक रेट रहा। भले ही उन्होंने सिर्फ 10 गेंदें खेलीं और 24 रन बनाए, लेकिन उनका स्ट्राइक रेट 240 का रहा। अपनी इस तूफानी पारी में रिंकू सिंह ने दो छक्के और दो चौके जड़े, जिससे यह साबित हुआ कि फॉर्म में चल रहे इस बल्लेबाज को टीम से बाहर रखने का फैसला कितना चौंकाने वाला था।
रिंकू सिंह इस मुकाबले में पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे और उन्होंने चंडीगढ़ के अनुभवी तेज गेंदबाज संदीप शर्मा को निशाने पर लिया। संदीप शर्मा की 5 गेंदों पर उन्होंने 13 रन बनाए, जिसमें एक छक्का और एक चौका शामिल रहा। इसके अलावा, निखिल शर्मा की गेंद पर भी उन्होंने एक और सिक्स जड़कर अपनी हिटिंग क्षमता का प्रदर्शन किया।
रिंकू को टीम से बाहर क्यों?
रिंकू सिंह को साउथ अफ्रीका के खिलाफ 9 दिसंबर से शुरू हो रही टी20 सीरीज के लिए टीम इंडिया से बाहर कर दिया गया है, जिसकी वजह भी चयनकर्ताओं ने सार्वजनिक नहीं की है। उनके इस प्रदर्शन को अनदेखा करना कई सवाल खड़े करता है, क्योंकि उन्होंने टीम इंडिया के लिए अब तक:
रिंकू सिंह ने मैदान पर अपने प्रदर्शन से यह स्पष्ट संदेश दिया है कि वह सीमित ओवरों की क्रिकेट में टीम इंडिया के लिए एक अत्यंत मूल्यवान संपत्ति हैं।
यूपी के लिए चमके माधव और रिज्वी
यूपी के मुकाबले की बात करें तो रिंकू सिंह के अलावा, युवा बल्लेबाज समीर रिज्वी और माधव कौशिक ने भी बेहतरीन बल्लेबाजी की।
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माधव कौशिक ने 7 चौके और 2 छक्कों की मदद से 41 गेंदों में 67 रन की शानदार पारी खेली।
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समीर रिज्वी ने और भी आक्रामक रुख अपनाया, उन्होंने 6 चौके और 3 छक्कों की मदद से 42 गेंदों में 70 रनों की बेहतरीन पारी खेली।
दूसरी ओर, चंडीगढ़ के लिए अनुभवी गेंदबाज संदीप शर्मा ने शानदार प्रदर्शन किया, उन्होंने 4 ओवर में केवल 26 रन देकर चार विकेट चटकाए, हालांकि उनकी कुछ गेंदों पर रिंकू सिंह ने रन बटोरे। रिंकू सिंह की यह पारी न केवल यूपी की जीत के लिए महत्वपूर्ण थी, बल्कि चयनकर्ताओं को एक कड़ा जवाब भी था।