आगरा।
सुल्तानपुर छावनी क्षेत्र के फल विक्रेता इन दिनों भारी मुश्किलों से जूझ रहे हैं। आरोप है कि छावनी परिषद के अधिकारियों द्वारा बाजार से उनकी ढेल जबरन हटाई जा रही हैं और धमकी दी जा रही है कि अगर हटे नहीं तो माल ज़ब्त कर लिया जाएगा।
प्रशासन ने विक्रेताओं को एक नए स्थल पर स्थानांतरित कर दिया है, लेकिन वहाँ ग्राहकों का अभाव होने के कारण उनकी दुकानदारी ठप पड़ गई है। रोज़ाना 250 से 500 रुपये की आमदनी पर परिवार चलाने वाले ये फल विक्रेता अब पिछले सात दिनों से पूरी तरह बेरोज़गार हो गए हैं। फलों के खराब होने और बिक्री न होने से उनकी हालत दिन-प्रतिदिन खराब होती जा रही है।
इस समस्या को लेकर शहर कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष बशीर उल हक (रॉकी) और मीना कुशवाहा फल विक्रेताओं के साथ छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी से मिले। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर छोटे व्यापारियों की समस्याओं का समाधान जल्द नहीं किया गया तो कांग्रेस इसके खिलाफ आंदोलन का रास्ता अपनाएगी।
फल विक्रेताओं—ताराचंद, मोनू, बीना कुशवाहा, कांता और दीपक मा—का कहना है कि सरकार और प्रशासन एक ओर रोज़गार देने की बात करता है, वहीं दूसरी ओर गरीबों की रोज़ी-रोटी छीनने में लगा है। सवाल यह है कि आम आदमी अपनी आजीविका कैसे चलाए, जब उसकी रोज़ कमाई ही छीन ली जाए?