आगरा में उत्तर भारत की 144 वर्ष पुरानी ऐतिहासिक रामलीला पर इस बार एक बड़ा आरोप लगा है। श्री मनकामेश्वर मठ के महंत के लगाए गए आरोपों के अनुसार इस बारात में गुरु वशिष्ठ और विश्वामित्र के रथ को शामिल नहीं किया गया, 121 झांकियों के साथ निकाली गई इस बारात में परंपराओं का कथित रूप से अपमान हुआ है। श्री मनकामेश्वर मठ के महंत योगेश पूरी ने इस घटना को लेकर एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया है कि रामलीला को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है और परंपराओं की अनदेखी भी की जा रही है।
महंत के अनुसार, वर्षों से चली आ रही परंपरा में चांदी के लक्ष्मी नारायण के रथ के आगे गुरु वशिष्ठ और विश्वामित्र का रथ भी चलता था। लेकिन इस बार कमेटी के पदाधिकारी राजनेताओं के स्वागत में इतने व्यस्त रहे कि उन्होंने गुरुओं को साथ ले जाना भूल गए। इतना ही नहीं, जनकपुरी कमेटी ने भी भक्तों को प्रभु के दर्शन से दूर रखा और इस बात पर ध्यान नहीं दिया कि बिना गुरु के विवाह कैसे संपन्न हो सकता है।
महंत ने कहा कि आगरा की यह रामलीला उत्तर भारत की सबसे बड़ी रामलीलाओं में से एक है और इस तरह की घटना से धर्म और संस्कृति को ठेस पहुंची है। उन्होंने कहा कि रामलीला को राजनीतिकरण करने की कोशिश की जा रही है और इसमें फूहड़ता फैलाई जा रही है
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