मुंबई, 18 जुलाई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। पाकिस्तान डेमोक्रेटिक अलायंस (PDM) की दो सबसे अहम पार्टियों पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) और पाकिस्तान मुस्लिम लीग, नवाज (PML-N) ने 8 अगस्त को नेशनल असेंबली भंग करने के प्लान पर मुहर लगा दी। वैसे असेंबली का टेन्योर 12 अगस्त तक है। अगर प्लान के मुताबिक, 8 अगस्त को नेशनल असेंबली भंग हो जाती है को अक्टूबर के आखिर या नवंबर के पहले हफ्ते में जनरल इलेक्शन कराए जा सकते हैं। हालांकि, अब तक आधिकारिक तौर पर दोनों ही पार्टियों या गठबंधन ने इस बात की पुष्टि नहीं की है।
आपको बता दें, संविधान के मुताबिक, सरकार जब नेशनल असेंबली (संसद का निचला सदन जैसे हमारे यहां लोकसभा) को भंग करने का प्रस्ताव पास करती है तो आखिरी मंजूरी के लिए उसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है। अगर किसी वजह से राष्ट्रपति यह समरी या प्रस्ताव मंजूर नहीं करता तो 48 घंटे बाद नेशनल असेंबली भंग मानी जाती है। इस वक्त राष्ट्रपति आरिफ अल्वी इमरान खान के समर्थक और करीबी दोस्त हैं और उन्होंने शाहबाज शरीफ सरकार के हर काम में अड़ंगे लगाए हैं। लिहाजा, सरकार चाहती है कि इतना मार्जिन जरूर रखा जाए कि अगर प्रेसिडेंट नेशनल असेंबली के भंग करने के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं देते हैं तो वो संवैधानिक तौर पर अपने आप भंग मानी जाए। तो वहीं, पाकिस्तान के संविधान के आर्टिकल 224 के मुताबिक, नेशनल या प्रोवेंशियल असेंबली की एक्सपायर डेट के बाद 60 दिन में इलेक्शन होना चाहिए। इसमें ये जरूर देखा जाता है कि कहीं ये टेन्योर के पहले तो भंग नहीं हुईं। इसमें एक और संवैधानिक व्यवस्था है। जिसके मुताबिक, इलेक्शन कमीशन को 90 दिन के अंदर चुनाव कराना होंगे। इसमें शर्त ये है कि नेशनल या प्रोवेंशियल असेंबली को टेन्योर पूरा होने के पहले भंग किया गया हो।
तो वहीं, प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने पिछले हफ्ते कहा था, हमारी सरकार का टेन्योर 14 अगस्त को खत्म हो जाएगा और इलेक्शन अक्टूबर या नवंबर तक हो जाएंगे। इलेक्शन की तारीखों का फैसला इलेक्शन कमीशन को करना है। नेशनल कैपिटल में एक प्रोग्राम के दौरान शाहबाज ने भारत का नाम तो नहीं लिया, लेकिन उसकी तारीफ की। कहा, अब इस बात में कोई शक नहीं है कि हमारा पड़ोसी हमसे बहुत आगे निकल चुका है और हम उसके साथ किसी रेस में नहीं हैं।