मुंबई, 03 नवम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कुकी ऑर्गेनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट (KOHUR) को बताया कि मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह से जुड़ा जो ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, उसमें छेड़छाड़ की गई है। इस क्लिप में कथित तौर पर बीरेन सिंह को यह कहते सुना गया था कि उन्होंने मैतेई समुदाय को हिंसा भड़काने की अनुमति दी थी। 
जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आलोक अराधे की बेंच ने कहा कि गांधीनगर स्थित नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी की एक गोपनीय रिपोर्ट के अनुसार उस ऑडियो में एडिटिंग के सबूत मिले हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि आवाज की तुलना के लिए यह क्लिप वैज्ञानिक रूप से उपयुक्त नहीं थी, यानी यह विश्वसनीय साक्ष्य नहीं माना जा सकता। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने अदालत को बताया कि एक निजी संस्था ‘ट्रुथ लैब्स’ की रिपोर्ट में यह क्लिप 93% तक बीरेन सिंह की आवाज से मेल खाती पाई गई थी और उसमें किसी तरह की कटिंग या एडिटिंग नहीं मिली थी। भूषण ने यह भी कहा कि ऑडियो टेप सरकार को एक साल पहले ही भेजा जा चुका था, फिर भी इसकी जांच नहीं कराई गई।
कोर्ट ने इस पर कहा कि गांधीनगर की फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी देश की अग्रणी संस्थाओं में से एक है, इसलिए उसकी रिपोर्ट पर शक करने की कोई वजह नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को रिपोर्ट साझा करने और दो सप्ताह के भीतर अपने जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। यह मामला उस वायरल ऑडियो क्लिप से जुड़ा है, जो दिसंबर 2024 में सोशल मीडिया पर सामने आया था। इस क्लिप में कथित तौर पर बीरेन सिंह मैतेई समुदाय को हिंसा की अनुमति देने की बात कह रहे थे। इसके बाद कुकी संगठनों ने फरवरी 2025 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर इस मामले की जांच की मांग की। उनका आरोप था कि राज्य सरकार ने क्लिप की जांच में जानबूझकर देरी की और उसे दबाने की कोशिश की।
मणिपुर सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा था कि यह ऑडियो क्लिप नकली है और इसके साथ छेड़छाड़ की गई है। सरकार का कहना था कि इस तरह की सामग्री को फैलाकर राज्य में जातीय तनाव बढ़ाने और शांति भंग करने की साजिश रची जा रही है। गौरतलब है कि मणिपुर में मई 2023 में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें दो वर्षों में 260 से अधिक लोगों की मौत हुई। लगातार हिंसा और राजनीतिक दबाव के चलते बीरेन सिंह ने 9 फरवरी 2025 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उनके इस्तीफे के कुछ दिनों बाद 13 फरवरी को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया, जिसे फरवरी 2026 तक बढ़ा दिया गया है।