आईआईटी कानपुर में सोमवार (29 दिसंबर) को एक गंभीर घटना सामने आई है। राजस्थान के रहने वाले बीटेक चौथे वर्ष के छात्र जयसिंह मीणा ने अपने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। छात्र का शव E ब्लॉक, रूम नंबर 148 में लटका हुआ पाया गया। इस घटना की जानकारी आईआईटी प्रशासन ने दी और तुरंत स्थानीय पुलिस को सूचित किया गया।
आईआईटी प्रशासन ने दी जानकारी
आईआईटी प्रशासन ने बताया कि जयसिंह मीणा, पुत्र गौरीशंकर मीणा, अवधपुरी चाणक्य विद्या मंदिर सेकेंडरी स्कूल अजमेर, राजस्थान का निवासी था। वह बायोलॉजिकल साइंस बीटेक चौथे वर्ष का छात्र था। प्रशासन ने बताया कि परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गई है। मौके पर चौकी प्रभारी सहित सुरक्षा बल मौजूद हैं और आवश्यक विधिक कार्यवाही की जा रही है। प्रशासन ने यह भी कहा कि लॉ एंड ऑर्डर की कोई समस्या नहीं है, लेकिन इस घटना से कॉलेज के अन्य छात्रों में हड़कंप मच गया है।
घटना का विवरण
सूत्रों के अनुसार, जयसिंह मीणा ने पहले अपनी नसें काटने का प्रयास किया और फिर गले में फंदा डालकर आत्महत्या की। छात्र का शव हॉस्टल में पड़ा पाया गया। आईआईटी प्रशासन और पुलिस द्वारा तुरंत जांच शुरू कर दी गई है। छात्रों और साथियों से पूछताछ की जा रही है ताकि आत्महत्या की वजह का पता लगाया जा सके।
पुलिस की जांच
मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में ले लिया है। परिजनों के पहुंचने के बाद शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। पुलिस का कहना है कि फिलहाल आत्महत्या की कोई ठोस वजह सामने नहीं आई है, लेकिन सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है। छात्र के साथियों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या किसी दबाव या मानसिक तनाव के कारण छात्र ने यह कदम उठाया।
आईआईटी कानपुर में पहले भी हो चुकी हैं आत्महत्याएं
यह घटना आईआईटी कानपुर में छात्रों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं पर एक बार फिर सवाल खड़े करती है। पिछले कुछ सालों में संस्थान में कई छात्रों की आत्महत्याएं हो चुकी हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्र पर अकादमिक और व्यक्तिगत दबाव का असर मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर रूप से पड़ता है।
छात्र समुदाय में मचा हड़कंप
जयसिंह मीणा की आत्महत्या की खबर फैलते ही हॉस्टल और परिसर में छात्रों में शोक और चिंता की लहर दौड़ गई। साथी छात्र और हॉस्टल स्टाफ गहरे सदमे में हैं। प्रशासन ने कहा है कि छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान करने के लिए साइकोलॉजिस्ट और काउंसलर की टीम तैनात की जाएगी।